बीते 14 अक्टूबर यानी सोमवार को मुंबई से न्यूयॉर्क स्थित JFK एयरपोर्ट के लिए एयर इंडिया की एक फ्लाइट ने उड़ान भरी। ये बोइंग 777 विमान लगभग 130 टन जेट फ्यूल के साथ 16 घंटे की नॉन-स्टॉप यात्रा के लिए न्यूयॉर्क रवाना हुआ। उड़ान भरने के तुरंत बाद, एयरलाइन को एक कॉल आई जिसमें कहा गया कि फ्लाइट में बम है। JFK एयरपोर्ट जा रहे AI 119 को तुरंत डायवर्ट किया गया। उड़ान भरने के दो घंटे में ही वह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने की तैयारी कर रहा था। हालांकि, इसमें एक समस्या थी।
फ्लाइट में बम की फर्जी धमकी के मामले बढ़े
एक वरिष्ठ पायलट ने बताया कि B777 (बोइंग 777) का अधिकतम लैंडिंग वजन 250 टन है। इस तरह की पूरी उड़ान का वजन यात्रियों, सामान और कार्गो के साथ उड़ान भरने पर लगभग 340-350 टन होता है। दो घंटे के भीतर उतरने का मतलब है लगभग 100 टन ईंधन बर्बाद करना। लगभग एक लाख रुपये प्रति टन पर, अकेले ईंधन की बर्बादी की लागत 1 करोड़ रुपये बैठती है। इसमें IGI एयरपोर्ट पर अप्रत्याशित लैंडिंग और पार्किंग शुल्क जैसे अन्य खर्च, दिल्ली के होटलों में 200 से अधिक यात्रियों और क्रू मेंबर्स को रखना, छूटे हुए कनेक्शन के लिए बाद में उन्हें मुआवजा देना जैसे खर्च शामिल हैं।
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झूठी अफवाह से 3 करोड़ का नुकसान
झूठी अफवाह पर फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग फिर पूरी तरह से जांच के बाद विमान को सेवा में वापस सेवा में लाने से पहले ऑपरेटिंग क्रू की नई जोड़ी की व्यवस्था करना शामिल होता है। अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेटिंग क्रू, फ्लाइट के JFK एयरपोर्ट तक नहीं पहुंचने से यात्रियों को परेशानी होती है। इसके साथ इस एक फर्जी धमकी से एयरलाइन कंपनी को करीब 3 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होता है। पिछले रविवार से ऐसा लग रहा फर्जी धमकियों की बाढ़ आ गई है। गुरुवार देर रात तक करीब 40 धमकी भरी अफवाहों के चलते का एयरलाइंस पर भारी वित्तीय प्रभाव पड़ा है। एयरलाइन अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक अतिरिक्त खर्च लगभग 60-80 करोड़ रुपये है।
एअर इंडिया के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग
एअर इंडिया B777 (VT-ALM) का मामला लें, जिसने इस मंगलवार (15 अक्टूबर) को दिल्ली से शिकागो के लिए उड़ान भरी थी। बारह घंटे बाद, 200 से अधिक यात्रियों के साथ फ्लाइट बम की धमकी के चलते कनाडा के दूर-दराज वाले शहर इकालुइट में उतर गया। विमान 15 अक्टूबर को सुबह 5.21 बजे वहां उतरा। इस विमान की अगली व्यावसायिक उड़ान साढ़े तीन दिन बाद हुई। पहले यह एक फेरी फ्लाइट के रूप में इकालुइट से शिकागो पहुंचा। उस समय इसमें कोई यात्री नहीं थे। ऐसा इसलिए क्योंकि फंसे हुए यात्रियों को पहले ही कनाडाई वायु सेना A330 से शिकागो ले जाया गया था। इसके लिए एअर इंडिया भुगतान करेगा। और फिर विमान ने 18 अक्टूबर को शाम 5.15 बजे दिल्ली के लिए एक व्यावसायिक उड़ान के रूप में उड़ान भरी।
बोइंग 777 का एक दिन का खर्च जानिए
B777 का औसत मासिक किराया 400,000 डॉलर और 600,000 डॉलर के बीच है। यह लगभग 17,000 डॉलर के औसत डेली किराए पर काम करता है। उड़ान न भरने का मतलब है हर दिन 17,000 डॉलर का नुकसान। अब, अगर झठी धमकी नहीं दी गई होती, तो ये विमान शिकागो पहुंच जाता और फिर कुछ घंटों के बाद, एक नियमित उड़ान के रूप में दिल्ली के लिए रवाना हो जाता। लेकिन शिकागो नहीं पहुंचने का मतलब था कि इकालुइट में 200 से अधिक यात्री और क्रू मेंबर्स फंसे हुए थे। इनके लिए एक दूरदराज के शहर में रहना, खाना और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था करना पड़ा।
एयरलाइन के साथ यात्रियों को होती है परेशानी
फिर इस फ्लाइट के यात्रियों को कनाडा वायुसेना के विमान से शिकागो ले जाना पड़ा। इस बीच, शिकागो के ओ’हारे हवाई अड्डे में दिल्ली जाने वाले यात्रियों को मुश्किलें हुईं। उनसे एयरपोर्ट कर्मियों को निपटना पड़ा, जिनका विमान इसलिए नजर नहीं आया क्योंकि वह इकालुइट में फंसा हुआ था। इस एक धमकी की कुल लागत 15-20 करोड़ रुपये से अधिक होगी, जिसमें इतने लंबे समय तक बोइंग 777 को रोकने की लागत भी शामिल.
त्योहारी सीजन में बढ़े धमकी भरे कॉल के मामले
पिछले कुछ दिनों में इन धमकियों का शिकार बनी किसी भी बड़ी एयरलाइन ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह त्योहारों की भीड़ का पीक सीजन है और हम यात्रियों के बीच डर पैदा नहीं करना चाहते हैं। इतना कहना पर्याप्त है कि यह एयरलाइंस के खिलाफ एक तरह का वित्तीय आतंकवाद है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
लगातार आ रही ऐसी शिकायतें
इंडिगो को भी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह की कई उड़ानों के लिए धमकियां मिली हैं। बहुत बार जब किसी उड़ान को धमकी का संदेश मिलता है और उसे डायवर्ट नहीं किया जाता। डेस्टिनेशन एयरपोर्ट उसे होल्ड करने या मंडराने के लिए कहता है। लंदन में एअर इंडिया, सिंगापुर में AI एक्सप्रेस और शायद दूसरों के साथ भी ऐसा हुआ है। एक पायलट ने बताया कि बोइंग 777 हर घंटे 7-8 टन ईंधन जलाता है और एक A320 2.5 टन। 1 लाख रुपये प्रति टन और दो घंटे के होवरिंग पर, अकेले ईंधन जलने की लागत सभी प्रभावित एयरलाइंस के लिए कई करोड़ से अधिक है।
धमकियों को नजरअंदाज भी नहीं कर सकते
एक बड़ी एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हवा में बिताए गए अतिरिक्त समय के कारण, बहुत बार वही क्रू मेंबर्स अगली उड़ान संचालित नहीं कर सकता है। वहीं ये फ्लाइट सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जांच के बाद क्लीयर होने पर ही उड़ान के लिए संचालित होगा। उन्हें आराम करने और उस शहर के होटल में रहने की सुविधा देने की आवश्यकता होगी। हालांकि यह हमारे नियंत्रण से परे एक अप्रत्याशित घटना है, लेकिन कई यात्री जो विमान में देरी होने पर अपने कनेक्शन मिस कर जाते हैं वे हमें अदालत में घसीटने की धमकी देते हैं। ऐसे में हमें अंततः हर्जाना देकर समझौता करना होता है।
कैसे लगे लगाम
इस मामले को और भी बदतर बनाने वाली बात यह है कि अकसर दो तरह की धमकियां दी जाती हैं। एक धमकी ऐसी होती है जिसमें किसी एक विशेष फ्लाइट संख्या का नाम दिया गया हो। दूसरा सामान्य तरीके से जैसे एअर इंडिया को गुरुवार को धमकी मिली। इसमें कहा गया कि पांच एआई फ्लाइट में बम हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जोखिम आकलन किया जाता है। खतरे का स्रोत देखा जाता है, चाहे वह एक्स (पूर्व ट्विटर), व्हाट्सऐप, कॉल या मेल के माध्यम से आया हो।
धमकी के बाद कैसे हरकत में आती हैं एयरलाइंस
इसका मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर, कोड तय किया जाता है। इसमें लाल (बहुत गंभीर), एम्बर (गंभीर) या हरा (फर्जी कॉल की सबसे अधिक संभावना)। हालांकि, किसी भी परिस्थिति में खतरे को खारिज नहीं किया जाता है क्योंकि सुरक्षित रहना बेहतर होता है। भले ही इसका मतलब नुकसान और यात्रियों की नाराजगी और माफी से हो।
एक पायलट ने बताया कि गंभीर स्थिति होने पर ऐसे मामलों में, उड़ान को निकटतम किसी उपयुक्त हवाई अड्डे पर उतरना होता है। अचानक लैंडिंग से बचने के लिए, हम 5,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर विमान को रखते समय ईंधन डंप कर सकते हैं। उस ऊंचाई से छोड़े गए ईंधन उड़ जाएंगे। दिल्ली में, हम राजधानी के दक्षिण में सकरास के पास और मुंबई में समुद्र के ऊपर डंप करते हैं।