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October 16, 2025 11:23 am

हर इंसान की इतनी है……’इजराइल और ईरान के लोग ज्यादा कमाते हैं……

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मिडिल ईस्ट का तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव पूरी दुनिया की नजरों को खींच रहा है. जहां एक ओर मिसाइलें और कूटनीति हथियार बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर एक अहम सवाल भी खड़ा होता है इन दोनों देशों के आम नागरिकों की जेब कैसी है? क्या ज्यादा हथियार रखने वाला देश ज्यादा अमीर है? या फिर जिनके पास सियासी ताकत है, उनकी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है?

इस मौजूदा हलचल के बीच यह जानना दिलचस्प होगा कि इज़रायल और ईरान में किस देश के लोग ज्यादा कमाते हैं, बेहतर जीवन जीते हैं और आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत हैं. क्योंकि जंग सिर्फ मैदान में नहीं, कमाई और विकास के मोर्चे पर भी लड़ी जाती है. आइए, आंकड़ों की जुबानी समझते हैं कि कौन इस आर्थिक लड़ाई में है आगे तेल की ताकत वाला ईरान या टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में माहिर इज़राइल.

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इज़रायल बनाम ईरान: GDP प्रति व्यक्ति में जबरदस्त अंतर

सबसे बड़ा फर्क दोनों देशों की प्रति व्यक्ति आय में देखा जा सकता है. इज़रायल का GDP प्रति व्यक्ति (नॉमिनल) लगभग 52,000 अमेरिकी डॉलर के आसपास है, जबकि ईरान का GDP प्रति व्यक्ति महज 4,500 डॉलर के करीब है. यानी एक औसत इज़रायली नागरिक सालाना आय के मामले में एक ईरानी नागरिक से करीब 10 गुना ज्यादा कमाता है.

अगर PPP (Purchasing Power Parity) यानी क्रय शक्ति समता के आधार पर तुलना करें तो भी अंतर बना रहता है. इज़रायल में यह आंकड़ा करीब 38,000 डॉलर, जबकि ईरान में 20,000 डॉलर के आसपास है. यानी इज़रायली नागरिक महंगे जीवन के बावजूद वस्तुओं और सेवाओं को ज्यादा आसानी से खरीद सकते हैं.

जनसंख्या और आर्थिक उत्पादन

जनसंख्या के मामले में ईरान इज़रायल से लगभग 9 गुना बड़ा देश है. ईरान की आबादी करीब 89 मिलियन, जबकि इज़रायल की 9.8 मिलियन है. इसके बावजूद, इज़रायल की कुल GDP लगभग 510 अरब डॉलर है, जो कि ईरान की 402 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से अधिक है. इससे स्पष्ट होता है कि इज़रायल की अर्थव्यवस्था अधिक उत्पादक और विकसित है.

जीवन स्तर और विकास

मानव विकास सूचकांक (HDI) के मामले में भी इज़रायल आगे है. इज़रायल का HDI स्कोर 0.919 है जो इसे बहुत उच्च मानव विकास वाले देशों में शामिल करता है. वहीं ईरान का HDI स्कोर करीब 0.783 है. इसका सीधा संबंध शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन की गुणवत्ता से है.

महंगाई और बेरोजगारी

ईरान को भारी महंगाई (करीब 44%) और बेरोजगारी (करीब 9%) जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके उलट, इज़रायल में महंगाई नियंत्रण में (लगभग 4%) और बेरोजगारी दर केवल 34% के आसपास है. आर्थिक स्थिरता का लाभ सीधे वहां के नागरिकों की आय और खर्च करने की क्षमता को मिलता है.

इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट है कि इज़रायल के लोग ईरानियों की तुलना में कहीं अधिक कमाते हैं और बेहतर जीवन स्तर का आनंद लेते हैं. आधुनिक तकनीक, नवाचार और आर्थिक पारदर्शिता ने इज़रायल को क्षेत्र में एक मजबूत आर्थिक शक्ति बना दिया है. वहीं ईरान को आंतरिक नीतिगत कमजोरियों, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और अस्थिरता के कारण अभी भी कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.तो अगली बार जब सवाल उठे कि ईरान और इज़रायल में कौन ज्यादा कमाता है, तो जवाब होगा इज़रायल, और वो भी कई गुना ज्यादा.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

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