रिपोर्ट में कहा गया कि इनमें आवश्यक घटक की मात्रा, घुलनशीलता, वजन और भौतिक स्वरूप में कमियां पाई गई हैं। औषधि नियंत्रक ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये दवाएं तत्काल बाजार से वापस ली जाएं और इनके अन्य बैचों की गुणवत्ता भी जांची जाए।
ये दवाएं देहरादून, हरिद्वार, सोलन, पालघर और जयपुर की विभिन्न फार्मा कंपनियों की ओर से निर्मित की गई थीं। इनमें डीएक्सामेथासोन, एल्बेंडाजोल, फ्लुपेंटिसोल- मेलिनासेन, प्राइमाक्वाइन, एस्पाज, लोपरामाइड, हायोसीन-पैरासिटामोल, डॉक्सीसाइक्लिन और कोबाला प्लस जैसी आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं।
अमानक मिली दवाइयां
-डीएक्सामेथासोन टैबलेट आईपी (डेक्सोमास), टी-16976 कर्नानी फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड फॉर्मा सिटी, सिलाकुई, देहरादून।
-एल्बेंडाजोल टैबलेट आईपी 400 एमजह एलएम 1240917 लाइफ मैक्स केमिकल लेबोरेट्रीज, सेक्टर-ए, आईआईई सिडकुल, हरिद्वार।
-फ्लुपेंटिसोल एंड मेलिनासेन टैबलेट्स (फ्लूपेन-कॉम) टीएसएफ-डी0631, स्पेन फॉर्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड मोहतपुर, जिला ऊना हिमाचल प्रदेश।
-7 प्राइमाक्वाइन टैबलेट आईपी 7.5 एमजी एमटी 445 मैक्सवेल लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड, तारापुर, पालघर महाराष्ट्र।
-एस्पाज टैबलेट (एक्लोफेनेक प्लस पैरासिटामोल प्लस सेराटियोपेप्टिडेज एमडीटी-4102 मायास्का लाइफ साइंसेज, नालागढ़, सोलन हिमाचल प्रदेश।
-लोपरामाइड एचसीआई टैबलेट आईपी (कारलोप ओपी) टी-17035 कर्नानी फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, सिलाकुई, देहरादून।
-हायोसीन ब्यूटिलब्रोमाइड एंड पैरासिटामोल टैबलेट (हाइलेम) जीईएनटी10520 जेनिच हेल्थकेयर प्राइलेट लिमिटेड राय, हरियाणा।
-डॉक्सीसाइक्लिन कैप्सूल आईपी 100 एमजी डीएक्ससी 24014 विवेक फार्माचेन (इंडिया) लिमिटेड, चिमनपुरा, आमेर, जयपुर।
-9.7 कोबाला प्लस कैप्सूल (अल्फा लिपिओआईसी एसिड प्लस मेथालकोबेलेमिन डीएएल 401 सिनोमैडिक लेबोरेट्रीज, केशवाना, कोटपूतली, जयपुर।






