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October 14, 2025 9:10 pm

भिरामद गांव में वर्षों से पेयजल संकट: पाइप बिछे, लेकिन पानी का नामोनिशान नहीं, ग्रामीण मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार

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धौलपुर, 9 अक्टूबर 2025 (स्पेशल रिपोर्ट): राजस्थान के धौलपुर जिले के सरमथुरा तहसील अंतर्गत भिरामद गांव के ग्रामीण वर्षों से साफ पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। जल जीवन मिशन (जेजीएम) के तहत सालों पहले पाइपलाइन और नल लगाए गए थे, लेकिन आज तक एक बूंद पानी भी नहीं पहुंचा। वहीं, आसपास के गांवों दुर्गुसी, खुर्दिया और धनेरा में नियमित जल आपूर्ति हो रही है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे यह मामला अब मानवाधिकार उल्लंघन का रूप ले चुका है।
गांव के एक किसान हरि सिंह ने बुधवार को राजस्थान संपर्क पोर्टल के साथ-साथ एसडीएम सरमथुरा और जिला कलेक्टर धौलपुर को ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है। हरि सिंह ने बताया, “हमारे गांव में जेजीएम स्कीम के तहत लाखों रुपये खर्च कर पाइप और नल लगा दिए गए, लेकिन पानी की सप्लाई कभी शुरू ही नहीं हुई। बच्चे-बुजुर्ग तालाबों का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। आसपास के गांवों में तो रोजाना पानी आता है, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही। यह हमारे बुनियादी अधिकारों का हनन है।”
धौलपुर जिले में पेयजल संकट कोई नई समस्या नहीं है। सरमथुरा उपखंड के डांग क्षेत्र में भीषण गर्मी के दौरान ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर पानी लाना पड़ता है। हाल के वर्षों में पार्वती नदी के कैचमेंट क्षेत्र में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति बनी, लेकिन शुष्क मौसम में पेयजल की किल्लत और गहरा जाती है। जिला प्रशासन ने सरमथुरा ब्लॉक के 117 गांवों में जल आपूर्ति योजनाओं को मजबूत करने का दावा किया है, लेकिन भिरामद जैसे गांवों में यह सुविधा अब तक पहुंच ही नहीं पाई।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार तहसील और जिला स्तर पर शिकायतें कीं, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ।  गर्मी में यह सफर जानलेवा हो जाता है। सरकार की योजनाएं कागजों पर ही सिमट गई हैं।”
जिला कलेक्टर कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एसडीएम सरमथुरा ने फोन पर बताया कि शिकायत की जांच कराई जाएगी और जल्द ही समाधान किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी मिल चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि धौलपुर जैसे क्षेत्रों में भूजल स्तर गिरने और पाइपलाइन में तकनीकी खामियों के कारण ऐसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण भारत में जल संकट की गहराई को भी दर्शाता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से धरना देंगे। जिला प्रशासन को अब तत्काल कार्रवाई करनी होगी ताकि भिरामद के लोग भी साफ पानी का अधिकार प्राप्त कर सकें।
(रिपोर्ट: धौलपुर डेस्क)

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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