प्रभा की धारा मचल रही है
करने को अभिषेक
तिरंगा लहर रहा हर घर
तिरंगा फहर रहा घर- घर ।
हर्षित तन है मन है प्रफुल्लित
गूंज रहा है भारत माता की जय घोष
तिरंगा लहर रहा घर-घर
तिरंगा फहर रहा घर-घर।
जाति धर्म मजहब से ऊपर
है यह प्यारा देश।
दुनिया वालों को देता यह
मानवता का संदेश
तिरंगा लहर रहा घर-घर
तिरंगा फहर रहा घर-घर।
मेरा देश मेरा भारत
प्राणोंं से भी प्यार है
देश की जान देश की शान
देश का मान तिरंगा है
तिरंगा लहर रहा हर घर
तिरंगा फहर रहा हर घर।
हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा
मोदी जी का है अभियान
देश के वीरों देश के प्यारों
सफल करो तुम यह अभियान
चांद पर पहुंचाया तुमने तिरंगा
बनाकर के तुम चंद्रयान देश को तुम पर है अभिमान
तिरंगा लहर रहा हर घर
तिरंगा फहर रहा हर घर।
राष्ट्र का गौरव गाथा लिखने
निकल पड़े महायोगी हैं।
अपनी संस्कृति कभी ना भूलें
ऐसे वो महायोगी हैं।
तन पर भगवा मन पर अंकुश
राष्ट्र के हित में जीवन है
कीर्ति पताका लहर रही है
दुनिया भर में आज
तिरंगा लहर रहा हर घर
तिरंगा फहर रहा हर घर।
डॉ सरिता चौहान
