भारत की सर्वोच्च साहित्यिक संस्था, साहित्य अकादमी (राष्ट्रीय साहित्य संस्थान) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्थान, नई दिल्ली 11-16 मार्च,2024 तक विश्व का सबसे बड़ा साहित्यिक महोत्सव का आयोजन कर रही है। इस आयोजन में राजस्थान से मीणा समुदाय की मीणी भाषा की रचनाकार डॉ. हीरा मीणा को आदिवासी लेखक सम्मिलन के लिए आमंत्रित किया गया है।
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साहित्य अकादमी द्वारा 200 से अधिक भाषा-बोलियों के 1100 से अधिक साहित्यकार, रचनाकार, कवि, निबंधकार, प्रकाशक, कलाकार, कथाकार, लेखक आदि को आमंत्रित किया। साहित्य अकादमी द्वारा आठ सभागार वाल्मीकि सभागार, मीराबाई सभागार, वेद ब्यास सभागार, कबीर सभागार, ललद्यद सभागार, शंकरदेव सभागार, तुलसीदास सभागार, नरसी मेहता सभागार में 200 से अधिक सत्रों में साहित्यिक कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मेद्यदूत मुक्तकांशी मचं (Meghdoot Open Air Theatre) में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण और व्याख्यानों का आयोजन कमानी हाउस नई दिल्ली में किया जाएगा।
डॉ हीरा मीणा ने पॉच पुस्तकों का प्रकाशन किया है जिसमें एक शोध पुस्तक, दो कविता संग्रह ‘लोक की पुकार’ एवं ‘सार्वभौमिक जन्मस्थली’ और दो पुस्तक मीणी भाषा में ‘वाचिक साहित्य की पुरखौती परंपराऍं और गीत’ तथा ‘मीणा ब्याह गीत गाळ संसार’ का प्रकाशन किया है। डॉ हीरा मीणा आदिवासी समाज की मुखर आवाज और पहचान है। आदिवासी समुदायों की गौरवपूर्ण अस्मिता और अस्तित्व को पहचान के साथ भाषा, इतिहास, परंपराओं को जमीन स्तर पर मुखरता से पहचान करवा रही है।
साहित्य अकादमी विश्व रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने जा रही है यह रिकार्ड 13 मार्च,2024 बुधवार को निर्धारित है। भारत के साथ दुनिया के बुद्धिजीवी भी इस गौरवपूर्ण उपलब्धि देखने को आतुर है। इस महोत्सव में शामिल करके राजस्थान से आदिवासी मीणा समुदाय की मीणी भाषा की रचनाकार और लेखक डॉ. हीरा मीणा भी इसमें अपनी सहभागिता दर्ज करेंगी।
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