auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

July 23, 2025 5:06 pm

पुतिन के साथ कर दिया डबल गेम……’भारत ही नहीं रूस का भी दुश्मन निकला तुर्किए…….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

तुर्किए एक ऐसा देश है, जो एक तरफ इस्लामिक देशों का नेतृत्व करने की कोशिश करता है, दूसरी तरफ पश्चिमी देशों के साथ भी गहरे संबंध बनाए रखता है. रूस-यूक्रेन जंग में तुर्किए की भूमिका शुरू से ही डिप्लोमैटिक बैलेंस पर टिकी रही है, लेकिन अब जो खबर सामने आई है, उसने साफ कर दिया है कि तुर्किए ने रूस के साथ डबल गेम खेला है.

जब अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा रहे थे, तब तुर्किए ने न सिर्फ उसका खुलकर विरोध किया, बल्कि रूस के लिए कई बार मददगार की भूमिका भी निभाई. तुर्की ने रूसी नागरिकों, टूरिस्ट्स और यहां तक कि प्रवासियों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे. कई रूसी कंपनियों ने तुर्किए को अपना नया व्यापारिक अड्डा भी बना लिया था.

Skin Care: चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगाते समय ना करें ये छोटी-छोटी गलतिया……..

पुतिन के साथ कौन खेल खेले एर्दोआन

लेकिन अब खुलासा हुआ है कि तुर्किए ने यूक्रेन को वो खतरनाक ड्रोन दिए, जिनसे यूक्रेन ने रूस के करीब 40 बमवर्षक और लड़ाकू विमान तबाह कर दिए. ये ड्रोन हैं Bayraktar TB2, जो तुर्किए में बने हैं और दुनिया भर में अपनी मारक क्षमता के लिए जाने जाते हैं.

Bayraktar TB2 एक हाईटेक लड़ाकू ड्रोन है, जिसे निगरानी और हमले दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसका डिज़ाइन सिंपल लेकिन घातक है पंख सीधा, पीछे प्रोपेलर और सटीक निशाना लगाने की क्षमता. इसकी पहली उड़ान 2014 में हुई थी और अब तक 600 से ज्यादा यूनिट्स बनाए जा चुके हैं. यूक्रेन को 2019 से लेकर 2022 तक 72 ड्रोन मिले और युद्ध के बाद तुर्किए ने 8 ड्रोन और किए थे.

यूक्रेन को क्यों दिया मौत का सामान?

जानकारों का मानना है कि तुर्किए ने ये ड्रोन सिर्फ यूक्रेन की मदद के लिए नहीं दिए, बल्कि यह कदम अमेरिका और NATO को खुश करने के लिए भी उठाया गया. तुर्किए NATO का सदस्य देश है और उस पर अमेरिका का हमेशा दबाव बना रहता है कि वह रूस से दूरी बनाए रखे. ऐसे में तुर्किए ने एक तरफ दोस्ती का दिखावा करते हुए, दूसरी ओर रूस के दुश्मन यूक्रेन को हथियार देकर डबल गेम खेला.

इस पूरे घटनाक्रम ने रूस और तुर्किए के रिश्तों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. पुतिन सरकार इस कदम को तुर्किए की पीठ में छुरा घोंपने जैसा मान रही है. वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर तुर्किए खुद को मध्यस्थ दिखाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सच्चाई यही है अब तुर्किए न भारत का भरोसेमंद रहा, न ही रूस का.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login