Dehradun Car Accident: ओएनजीसी चौक पर हुए भीषण हादसे ने पूरे दून को झकझोर दिया है। तेज रफ्तार इनोवा के चौराहे पर कंटेनर में घुसने से जिन छह युवाओं की मौके पर ही मौत हो गई थी, उनमें से दो ने अपने सिर कार के सनरूफ से बाहर निकाले हुए थे। यही वजह रही कि झूमते हुए इन दो युवाओं की गर्दन कंटेनर से कार के टकराते ही धड़ से अलग हो गई।
इस दर्दनाक हादसे में चंद सेकंड में न केवल छह युवाओं की जिंदगी समाप्त हुई, बल्कि दो दिन बाद भी कई प्रश्न अनुत्तरित रह गए हैं। वहीं, हादसे में जीवित बचा एकमात्र घायल युवा भी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। उसके ठीक होने की कामना सभी लोग कर रहे हैं।
युवक व युवती के सिर धड़ से अलग
सोमवार की देर रात बल्लूपुर चौक-गढ़ीकैंट मार्ग पर बेलगाम गति से दौड़ रही इनोवा में सवार सात युवाओं की ओएनजीसी चौक से गुजर रहे एक कंटेनर से टकराने के बाद हुए हादसे में तीन छात्र-छात्राओं और तीन अन्य युवाओं की मौत हो गई थी। दुर्घटना में कार की छत टूटने से एक युवक व युवती के सिर धड़ से अलग हो गए थे, जबकि बाकी चार के शव भी क्षत-विक्षत स्थिति में मिले।
हालांकि, हादसे के बारे में दो दिन बीत जाने के बावजूद कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहा है, लेकिन कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बल्लूपुर की ओर से गढ़ी कैंट की ओर जाते हुए इनोवा का सनरूफ खुला हुआ था और जिसमें दो युवाओं के सिर बाहर निकले हुए थे। हादसे के बाद एक युवक और एक युवती का सिर धड़ से अलग होकर सड़क पर मिलने से पुलिस यह आशंका जता रही कि इन दोनों के सिर सनरूफ से बाहर निकले हुए थे।
सभी दोस्त पार्टी कर एकसाथ घूम रहे थे और बेहद खुश थे। इसी दौरान सड़क पर घूमते हुए वह जश्न मना रहे थे। बेलगाम रफ्तार से दौड़ रही कार की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और भीतर बैठे युवाओं का शरीर भी क्षत-विक्षत मिले। सभी के परिवार सदमे में हैं और अपनी संतान के अचानक चले जाने पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
हिमाचल के कुणाल का हरिद्वार में अंतिम संस्कार
दुर्घटना में जान गंवाने वालों में हिमाचल के चंबा निवासी कुणाल कुकरेजा भी शामिल था। कुणाल दून में अपने मामा के घर राजेंद्रनगर में रहता था और ग्राफिक एरा विवि से बीबीए कर रहा था। उसकी माता के पहुंचने के बाद बुधवार को मामा समेत सभी रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया। कुणाल के मित्र कामाक्षी सिंघल व गुनीत कौर भी ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं थे।
बुधवार को ऋषभ जैन, नव्या गोयल, अतुल अग्रवाल का भी अंतिम संस्कार दून में किया गया, जबकि, गुनीत और कामाक्षी का अंतिम संस्कार मंगलवार शाम को ही कर दिया गया था। तीन युवा दोस्तों की चिताएं बुधवार को एकसाथ जलने से उनके परिवार ही नहीं, मित्र, पड़ोसी और आसपास के तमाम लोग फूट-फूटकर रोए।