जयपुर। माधोराजपुरा उपखंड के डाबिच गुर्जरान के पास बजरी से भरी तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्रॉली ने ड्यूटी पर जा रही बाइक सवार शिक्षिका को कुचल दिया। घटना के बाद ट्रैक्टर चालक भाग निकला जिसे ग्रामीणों ने चार किलोमीटर दूर रोक लिया। लेकिन चालक भागने में सफल रहा। हादसे में उपखंड के सरस्वतीपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत लेवल-2 की शिक्षिका व एसआइआर कार्य की सहायक बीएलओ फोरंता चौधरी (26) की मौत हो गई।
आक्रोशित ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे-2 दौसा-कुचामन सिटी पर शव रखकर जाम लगा दिया। करीब साढ़े छह घंटे बाद सहमति बनने पर परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। देर शाम सीएचसी में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन के सुपुर्द किया गया। उधर, मृतका के पिता ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने बजरी भरे ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है तथा चालक की तलाश शुरू कर दी।
ड्यूटी पर जाते वक्त हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक उपखंड के सरस्वतीपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत लेवल-2 की शिक्षिका व एसआईआर कार्य में लगी सहायक बीएलओ फोरंता चौधरी (26) पुत्री जगदीश चौधरी निवासी कीरतपुरा बाइक से ड्यूटी पर जा रही थी। सुबह करीब 9.45 बजे डाबिच गुर्जरान के आगे मेड़ी वाले शिव मंदिर के समीप अचानक सामने से तेज रफ्तार में चाकसू की ओर जा रहे अवैध बजरी भरे ट्रैक्टर ने बाइक को चपेट में ले लिया। टक्कर के बाद शिक्षिका बाइक सहित ट्रैक्टर के नीचे फंस गई और मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना की सूचना पाकर माधोराजपुरा एसडीएम राजेश कुमार मीणा, तहसीलदार तनु शर्मा, माधोराजपुरा थानाधिकारी चंद्रभान मौके पहुंचे।
ग्रामीणों ने सड़क शव रखकर लगाया जाम
घटना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों के साथ बड़ी संख्या में एकत्र आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर ही मृतका का शव रखकर जाम लगा दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई। ग्रामीणों ने मृतका के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा राशि दिलवाने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अधिकारियों ने समझाइश के प्रयास किए लेकिन नहीं माने। बाद में पुलिस उपाधीक्षक अनिल डोरिया ने प्रभातीलाल जाट, बाबू रेहड़ा, रामरतन गुर्जर के साथ समझाइश की।
साढ़े छह घंटे बाद बनी सहमति
कई दौर की वार्ता के बाद घटना के करीब साढ़े छह घंटे बाद शाम 4.30 बजे ट्रैक्टर चालक की जल्द गिरफ्तारी, परिजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने, अवैध बजरी खनन व परिवहन के खिलाफ अभियान चलाने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलवाने की मांग पर सहमति बनी। इसके बाद मामला शांत हुआ। मृतका फोरंता को दो साल पहले ही नियुक्ति मिली थी। बेटी की मौत के बाद पिता जगदीश चौधरी, मां रसाली देवी तथा भाई राजू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।





