इंडिगो एयरलाइंस को एक यात्री को गंदी और अस्वच्छ (Unhygienic) सीट देना काफी महंगा पड़ गया है. दिल्ली के एक कंज्यूमर फोरम ने एयरलाइन पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फोरम ने इसे ‘सेवा में कमी’ का मामला माना है.
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क्या है पूरा मामला?
यह मामला पिंकी नाम की एक महिला यात्री से जुड़ा है. पिंकी इस साल 2 जनवरी को बाकू (अज़रबैजान) से नई दिल्ली की फ़्लाइट में सफ़र कर रही थीं. उन्होंने शिकायत की कि उन्हें जो सीट दी गई थी, वह बहुत “गंदी, दाग-धब्बों वाली और अस्वच्छ” थी. पिंकी का यह भी आरोप था कि जब उन्होंने इस बारे में शिकायत की, तो एयरलाइन के कर्मचारियों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और ठीक से बर्ताव नहीं किया.
एयरलाइन ने अपनी सफ़ाई में क्या कहा?
दूसरी तरफ, इंडिगो ने अपनी सफ़ाई में कहा कि उन्होंने पिंकी की समस्या पर ध्यान दिया था और उन्हें तुरंत दूसरी सीट दे दी थी. एयरलाइन के मुताबिक, पिंकी ने नई सीट पर अपनी यात्रा पूरी की और कोई आपत्ति नहीं जताई.
कोर्ट ने क्या फ़ैसला सुनाया?
लेकिन दिल्ली के कंज्यूमर फोरम ने सबूतों को देखने के बाद 9 जुलाई को अपना फ़ैसला सुनाया. फोरम ने कहा कि इंडिगो की तरफ़ से सेवा में कमी हुई है.
फोरम ने पिंकी को हुई मानसिक परेशानी, शारीरिक कष्ट और उत्पीड़न के लिए इंडिगो को 1.5 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया. इसके अलावा, केस लड़ने में हुए खर्च के लिए 25,000 रुपये अलग से देने को कहा गया है.
क्यों कमज़ोर पड़ा इंडिगो का पक्ष
फोरम ने अपने आदेश में इस बात पर भी गौर किया कि इंडिगो ने SDD (Situation Data Display) रिपोर्ट पेश नहीं की. यह एक बहुत ज़रूरी दस्तावेज़ होता है जिसमें फ़्लाइट ऑपरेशन और यात्रियों से जुड़ी घटनाओं का रिकॉर्ड रखा जाता है. इस रिपोर्ट के न होने से इंडिगो का पक्ष काफी कमज़ोर हो गया और फ़ैसला यात्री के हक़ में आया.
