Antyodaya mission: जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने जनसेवा के मूलमंत्र “अंत्योदय–सबसे पहले अंतिम व्यक्ति तक सेवा” को धरातल पर साकार कर दिखाया है। राज्य में 17 सितम्बर से शुरू हुए शहरी सेवा शिविर और ग्रामीण सेवा शिविर ने सुशासन की एक नई मिसाल कायम की है। इन शिविरों ने आमजन को सरकारी सेवाओं की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराते हुए पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन की झलक पेश की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में प्रारंभ हुए ये शिविर मुख्यमंत्री शर्मा की जनकेन्द्रित कार्यशैली का सशक्त उदाहरण हैं। इन शिविरों ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत को वास्तविक रूप दिया है। प्रशासन ने जनता की दहलीज पर जाकर उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान किया, जिससे लाखों नागरिकों को राहत मिली।
राज्यभर में आयोजित इन शिविरों के माध्यम से अब तक 1 लाख 99 हजार से अधिक पट्टे वितरित किए गए हैं, वहीं 2 लाख 67 हजार से अधिक मंगला पशु बीमा पॉलिसियां जारी की गई हैं। इसके अलावा 1 लाख 25 हजार से अधिक जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन, 2 लाख 8 हजार जाति प्रमाण पत्र तथा 1 लाख 75 हजार से अधिक मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
सेवा शिविरों में 17 लाख से अधिक किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच की गई, जबकि 10 लाख 96 हजार से अधिक नागरिकों की टीबी जांच और 24 लाख 84 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया गया। साथ ही 2 लाख से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स का सत्यापन और 1 लाख 42 हजार से अधिक नई स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना व मरम्मत भी की गई।
इन्हीं शिविरों के दौरान 75 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदन कार्ड जारी किए गए, जबकि 25 हजार से अधिक लाभार्थियों के स्वनिधि योजना अंतर्गत ऋण आवेदन स्वीकृत किए गए। वहीं 1 लाख 56 हजार से अधिक भू-राजस्व शुद्धिकरण और 1 लाख 25 हजार से अधिक नामांतरण प्रकरणों का निस्तारण भी किया गया।
ग्रामीण सेवा शिविरों में रजिस्ट्री, पट्टे, गिरदावरी, विभाजन और प्रमाण पत्र जैसे जरूरी कार्यों के साथ पात्र परिवारों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया। वहीं शहरी शिविरों में सड़कों, नालियों और सीवर की मरम्मत, सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्यीकरण तथा भवन स्वीकृति, एनओसी, टैक्स जमा और ट्रेड लाइसेंस जैसी सेवाएं प्रदान की गईं।





