Explore

Search

December 22, 2024 11:05 am

लेटेस्ट न्यूज़

इस मामले में CJI DY चंद्रचूड़ बोले- पद के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला……..’सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को दिया झटका….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

Supreme Court CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के बड़े मुस्लिम नेता आजम खान को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी के रामपुर में स्थित मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन संबंधित लीज रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। मामले की सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा भूमि लीज रद्द किए जाने के खिलाफ मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति की याचिका खारिज कर दी थी।

सरकार ने क्यों रद्द की थी लीज? – उत्तर प्रदेश सरकार ने लीज शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए ट्रसस्ट को आवंटित 3.24 एकड़ भूखंड का पट्टा रद्द कर दिया था। सरकार का कहना है कि यह भूमि मूल रूप से एक शोध संस्थान के लिए आवंटित की गयी थी, लेकिन वहां एक स्कूल चलाया जा रहा था।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रस्ट कि अपील रिजेक्ट करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “जजमेंट पढ़ते समय ऐसा लगता होता है कि आपका मुवक्किल वास्तव में शहरी विकास मंत्रालय का प्रभारी कैबिनेट मंत्री था और वह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री था। उसने जमीन एक पारिवारिक ट्रस्ट को आवंटित करवाई, जिसके वह आजीवन अध्यक्ष है। और, शुरू में लीज एक सरकारी संस्था के पक्ष में थी। उसे एक निजी ट्रस्ट से जोड़ दिया गया। एक सरकारी संस्था के लिए जो लीज थी, उसे एक निजी ट्रस्ट को कैसे दिया जा सकता है?”

बेंच ने आगे कहा, “हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के 18 मार्च 2024 के फैसले और आदेश में कोई कमी नहीं दिखती। स्पेशल लीव पिटीशन डिस्मिस की जाती है।”

सुप्रीम कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ( Maulana Mohammad Ali Jauhar Trust) की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल की दलीलों का संज्ञान लिया और यूपी सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी बच्चे को उपयुक्त शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश से वंचित न किया जाए।

कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि 2023 में पट्टे को रद्द करने का निर्णय बिना कोई वजह बताए लिया गया था। उन्होंने कहा, “अगर उन्होंने मुझे नोटिस जारी किया होता और कारण बताए होते, तो मैं इसका जवाब दे सकता था। क्योंकि, आखिरकार, मामला कैबिनेट के पास गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने (भूमि आवंटन पर) निर्णय लिया था। ऐसा नहीं है कि मैंने कोई निर्णय लिया।”

Bigg Boss 18: ऐसा था एक्टर का रिएक्शन………’मल्लिका शेरावत ने नेशनल टीवी पर किया सलमान खान को KISS

 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि कपिल सिब्बल की दलीलों पर भी पीठ ने नरमी नहीं दिखाई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ” यह पद के दुरुपयोग का क्लीयर केस है… दरअसल, शुरू में जब मैंने पढ़ना शुरू किया तो मैंने कहा, ठीक है, नोटिस देखिए, क्या आपको मौका दिया गया था? लेकिन जब आपने ये तथ्य पढ़े, तो और क्या…”

हाईकोर्ट में 18 मार्च को रिजेक्ट हुआ था मामला

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा भूमि पट्टे को रद्द करने के 18 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली न्यास की याचिका खारिज कर दी थी। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति ने तब दलील दी थी कि सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना ही पट्टा विलेख रद्द कर दिया गया। काई कोर्ट में राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने बिना ‘कारण बताओ नोटिस’ के पट्टा रद्द करने का बचाव इस आधार पर किया था कि जनहित सर्वोपरि है। यह दलील दी गयी थी कि उच्च शिक्षा (शोध) संस्थान के उद्देश्य से अधिगृहीत भूमि का उपयोग एक स्कूल चलाने के लिए किया जा रहा था। महाधिवक्ता ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि पट्टा रद्द करने से पहले याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर