मकर सक्रांति अभी दूर है, लेकिन चाइनीज मांझे का कहर शुरू हो गया है. जयपुर में चाइनीज मांझे से फिर एक युवक की जान पर बन आई. ट्रांसपोर्ट नगर से पहले मांझे से युवक रिंकू का गला कट गया, जिससे उसकी जान सांसत में आ गई. हालांकि समय रहते डॉक्टरी उपचार मिलने से उसकी जान पर से खतरा टल गया.
जानकारी के अनुसार मांझे से घायल युवक रिंकू शर्मा (23) पातलवास आंधी निवासी है. रिंकू मोटरसाइकिल पर सांगानेरी गेट से ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ जा रहा था. रिंकू के साथ मोटर साइकिल पर उसका साला राहुल भी बैठा था. सेठी कॉलोनी तिराहे से पहले पहुंचने पर अचानक मांझा गले में आ गया. इस पर उसका संतुलन बिगड़ गया. मांझा एक नहीं दो-तीन बार गले तक पहुंचा. मांझे से रिंकू के गले में कट लग गया, जिससे खून बहने लगा. यह देखकर रिंकू के साथ चल रहा राहुल व उसका भाई घबरा गए. उन्होंने तुरंत 108 एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन काफी देर तक नहीं आई.
उपचार मिलने पर बची जान
इधर रिंकू को लहूलुहान हालत में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. वहां उसकी हालत देखकर डॉक्टर ने उसे सवाई मानसिंह अस्पताल रैफर कर दिया. सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने रिंकू का उपचार शुरू किया. रिंकू के गले में पांच छह टांके आए, उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. डॉक्टरों का कहना है कि मांझे से कटने के कारण गले से खून बह रहा था, ऐसे में समय पर अस्पताल पहुंचने पर रिंकू की जान बच गई.
सड़क के किनारे पतंग उड़ा रहे थे युवक, भागे
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो युवक सड़क के किनारे पतंग उड़ा रहे थे. इस दौरान एक जने की पतंग कटने से मांझे से रिंकू का गला कट गया. रिंकू को लहुलुहान देखकर दोनों युवक मौके से भाग छूटे. रिंकू के साले राहुल ने कहा कि इस तरह सड़क के किनारे पतंग उड़ा रहे लोग ज्यादा खतरनाक होते हैं. आरोपियों का पता लगाकर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई दूसरा राहगिर की जान पर नहीं बनें.
पतंग मांझे के कारण हादसों का शहर जयपुर
जयपुर में संक्रांति से पहले ही पतंगबाजी शुरू हो जाती है. पतंग उड़ाने में चाइनीज मांझा के उपयोग से गला, नाक कटने तथा आंख पर चोट लगने के कई मामले समाने आते रहते हैं. जयपुर में चाइनीज मांझे से बच्चों की मौत तथा सैंकड़ों घायल हो चुके हैं. हालांकि राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे पर बैन लगा रखा है, लेकिन बावजूद इसके शहर में चाइनीज मांझा बिक रहा है जिससे इस तरह के हादसे हो रहे हैं. सरकार संक्रांति से पहले चाइनीज मांझे से बैन के आदेश निकाल कर इतिश्री कर लेती है और दुपहिया वाहन चालकाें को हादसों का शिकार होना पडता है.






