auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 8, 2025 8:06 am

चीन-कनाडा ने ट्रंप से लिया पंगा! पलटी बाज़ी अब असली खेल तो भारत खेलेगा……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तीन प्रमुख व्यापारिक साझीदारों चीन, मेक्सिको और कनाडा पर भारी टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है. मेक्सिको और कनाडा से आने वाले आयात पर 25% टैरिफ लगाया गया है और सभी चीनी आयात पर शुल्क को दोगुना कर 20% कर दिया है. ये कदम ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने फेंटेनाइल और इसके रासायनिक तत्वों की तस्करी को रोकने के लिए इन देशों पर दबाव बनाने की बात कही है.

हालांकि, इस फैसले से ग्लोबल ट्रेड मार्केट में उथल-पुथल मच गई है और एक्सपर्ट्स इसे एक नए ट्रेड वॉर की शुरुआत मान रहे हैं. इन हालातों का सीधा असर ये होगा कि इन तीनों देशों के प्रॉडक्ट्स अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी डिमांड कम होगी और इसका फायदा भारतीय निर्यातकों को मिल सकता है.

JDA NEWS: 5 Mar जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर 14 बीघा भूमि पर तीन अवैध कॉलोनियों को पूर्णतः किया ध्वस्त जोन-5 में अवैध व्यावसायिक निर्माण को किया सील

भारतीय निर्यातकों के लिए सुनहरा मौका!

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये फैसला भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा मौका साबित होने जा रहा है. उनके मुताबिक, अमेरिकी बाजार में चीन, मेक्सिको और कनाडा की कमजोर होती पकड़ से भारत के कई सेक्टर्स को फायदा मिलेगा. इनमें कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, मशीन टूल्स, अपैरल, कपड़ा, केमिकल और लेदर जैसे उद्योग शामिल हैं.

टैरिफ बढ़ने से प्रभावित देशों के प्रॉडक्ट्स का प्राइस अमेरिकी मार्केट में बढ़ेगा, जिससे वो अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे. ऐसे में भारतीय निर्यातकों को इस मौके का फायदा उठाकर अपनी पहुंच बढ़ानी चाहिए. उदाहरण के लिए, मेक्सिको से आने वाले एवोकाडो या चीन से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के दाम में बढ़ोतरी से भारतीय विकल्पों की डिमांड बढ़ सकती है.

पहले भी सफल रहा था भारत

ये पहली बार नहीं है, जब अमेरिकी टैरिफ से भारत को फायदा मिलने की संभावना बनी है. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका ने चीनी आयात पर उच्च शुल्क लगाए थे. उस दौरान फायदा उठाने वाले देशों की लिस्ट में भारत चौथे नंबर पर था. उस समय भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी बाजार में चीन के प्रभाव वाले क्षेत्रों में धाक जमाकर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी.

अब फिर से वैसी ही परिस्थितियों के बनने से भारत के पास मौका है कि वो दूसरे देशों के महंगे होते सामानों के बीच में अपने सामानों को खपाने के रास्ते तलाशे. आर्थिक थिंक टैंक GTRI का भी मानना है कि मौजूदा टैरिफ से भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलने के साथ ही अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा. इससे भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत होगा जो ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन हो सकता है.

ट्रे़ड वॉर में भारत बनेगा ‘विजेता’?

GTRI का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से ग्लोबल ट्रेड वॉर और गहरा सकता है. चीन ने पहले ही जवाबी टैरिफ का ऐलान कर दिया है, जिसमें अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10-15% अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं. कनाडा ने भी 20.7 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है जबकि मेक्सिको ने भी प्रतिक्रिया देने की बात कही है.

इस आपसी टकराव का सबसे बड़ा फायदा भारत को मिल सकता है. GTRI के मुताबिक अमेरिकी कंपनियां अब उन देशों का रुख करेंगी जो इस ट्रे़ड वॉर से प्रभावित नहीं हैं. भारत उनके लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकता है. इसके अलावा, चीनी उत्पादों पर हाई टैरिफ से भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा.

FTA पर सावधानी जरूरी

ये स्थिति भारत के लिए फायदेमंद तो है. लेकिन एक्सपर्ट्स ये चेतावनी भी देते हैं कि अमेरिका के साथ किसी भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत में सावधानी बरतनी होगी. GTRI के मुताबिक ट्रंप ने पहले नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA) को USMCA से बदला था लेकिन अब वो अपने ही समझौते से नाखुश हैं और मेक्सिको-कनाडा पर टैरिफ लगा रहे हैं. इससे पता चलता है कि ट्रंप प्रशासन ट्रेड एग्रीमेंटेस को लेकर कोई भी बदलाव कर सकता है.

अमेरिका भारत से टैरिफ में कटौती की मांग करने के साथ ही सरकारी खरीद को खोलने, कृषि सब्सिडी घटाने, पेटेंट नियमों में ढील और डेटा प्रवाह पर रियायतें भी मांग सकता है. भारत इन मांगों का दशकों से विरोध करता रहा है. GTRI का सुझाव है कि भारत ‘जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ’ डील की पेशकश करे जिसके तहत भारत और अमेरिका दोनों औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ खत्म कर सकते हैं जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा और भारत के हितों की रक्षा भी करेगा.

भारत को क्या करना चाहिए?

इस मौके के साथ कुछ चुनौतियां भी खड़ी हैं क्योंकि अमेरिकी टैरिफ से वहां कीमतें बढ़ रही हैं, जिसका असर भारतीय निर्यातकों पर भी पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, अमेरिकी रिटेलर ‘टारगेट’ और ‘बेस्ट बाय’ ने पहले ही कीमतें बढ़ाने की बात कही है. इसके अलावा, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों की जवाबी कार्रवाई से ग्लोबल ट्रेड और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

भारतीय निर्यातकों को इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे. सरकार को भी सप्लाई चेन को मजबूत करने, उत्पादन बढ़ाने और अमेरिकी बाजार में मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा. साथ ही, निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियों को और उदार बनाना जरूरी है. ये तय है कि अमेरिका का ये टैरिफ फैसला भारत के लिए एक ऐतिहासिक मौका लेकर आया है. ऐसे में अगर भारतीय निर्यातक और सरकार सही रणनीति अपनाएं तो अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा भारत वैश्विक व्यापार में भी एक नई ताकत बनकर उभर सकता है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login