Explore

Search

October 15, 2025 9:50 pm

सभी शर्तें मानने को तैयार हुआ ‘ड्रैगन’, आखिर क्यों……’भारत के सामने घुटनों पर आया चीन……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

पूरी दुनिया सोच रही थी कि अमेरिका और उनके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को घुटनों पर लेकर आएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ड्रैगन घुटनों पर आया तो है, लेकिन ये काम भारत ने किया है. टैरिफ वॉर का फायदा उठाते हुए चीन की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए उन तमाम शर्तों को मानने के लिए मना लिया है, जिसके लिए चीनी कंपनियां काफी दिनों से आनाकानी कर रही थी. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि शंघाई हाइली ग्रुप और हायर उन चीनी कंपनियों में आ गई हैं, जो भारत में एक्सपेंशन के लिए भारत सरकार के नियम और शर्तों को मानने के लिए तैयार हो गई हैं.

मेकर्स की पुष्टि से फैंस परेशान: CID में अब ACP प्रद्युमन का किरदार निभाते नजर नहीं आएंगे Shivaji Satam

जिसमें प्रमुख शर्त ज्वाइंट वेंचर्स में अल्पमत हिस्सेदारी बनाए रखना शामिल है. जिसके लिए चीनी कंपनियां पहले तैयार नहीं थी, लेकिन अमेरिका के बढ़ते टैरिफ के बीच उन्हें ऐसा करने के लिए राजी किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर चीनी फर्मों को उस बाजार से बाहर कर दिया जाता है, तो भारत में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी. 2020 में सीमा पर हिंसा भड़कने के बाद नई दिल्ली ने चीनी निवेश के प्रति उदासीन रवैया अख्तियार किया हुआ था. जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि चीन में सबसे बड़ी कंप्रेसर मेकर कंपनियों में से एक शंघाई हाइली ने टाटा ग्रुप की वोल्टास के साथ मैन्युफैक्चरिंग ज्वाइंट वेंचर के लिए बातचीत फिर से शुरू की है और अब माइनॉरिटी स्टेक के लिए सहमत है.

पीएलआई स्कीम से मदद मिली

एक अन्य बड़ी कंपनी हायर, जो सेल्स के मामले में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में तीसरे स्थान पर है, ने अपने लोकल ऑपरेशन में मैज्योरिटी स्टेक बेचने पर सहमति जताई है; मीडिया रिपोर्ट में भगवती प्रोडक्ट्स, एक टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स कांट्रैक्ट मेकर के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने कहा कि चीनी कंपनियों के रवैये में पूरी तरह से बदलाव आया है, जो अब भारतीय ज्वाइंट वेंचर में माइनोरिटी स्टेक रखने या तकनीकी गठबंधन बनाने में बेहद सहज हैं.

उन्होंने कहा कि चीनी कंपनियां अपना कारोबार खोना नहीं चाहती हैं, क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है और टैरिफ व्यवस्था के तहत निर्यात की गुंजाइश है. पीएलआई स्कीम भी काफी कारगर साबित हो रही है. जो चीन की तुलना में उत्पादन लागत को तटस्थ बनाएगी.” वह इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना का जिक्र कर रहे थे, जिसकी घोषणा सरकार ने हाल ही में की है.

हायर पहले 26 फीसदी तक की माइनोरिटी हिस्सेदारी को एक स्ट्रैटिजिक पार्टनर को बेचने की योजना बना रही थी, क्योंकि वह भारत में पैसा लगाने और अपने कारोबार का विस्तार करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि सरकार चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित नहीं कर रही है. लेकिन पिछले अक्टूबर में शुरू हुई हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में देरी हुई. उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि हायर अब 51-55 फीसी तक हिस्सेदारी बेचने के लिए कई भारतीय कंपनियों और निजी इक्विटी फंडों के साथ बातचीत कर रही है.

ड्रैगन की स्थिति कमजोर

उद्योग से जुड़े जानकारों की मानें तो ट्रंप के टैरिफ के कारण अमेरिका में चीन के उत्पाद काफी महंगे हो जाएंगे, इसलिए चीनी कंपनियां भारत में ग्रोथ को धीमा पड़ने नहीं देना चाहती है और वे सरकार की तमाम शर्तों को मानने के लिए राजी हो गई हैं. सरकार ने संकेत दिया है कि वह चीनी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर्स को मंजूरी देगी, यदि उनके पास माइनोरिटी स्टेक है, बोर्ड प्रमुख रूप से भारतीय है और वेंचर वैल्यू एडिशन प्रदान करता है या स्थानीय प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए आवश्यक नई तकनीक लाता है.

शंघाई हाईली एक टेक्नीकल अलाएंस के लिए भी तैयार है, जिसके तहत वह प्रोडक्शन लाइंस और टेक को ट्रांसफर करेगी. वोल्टास और शंघाई हाईली द्वारा एक ज्वाइंट इंटरप्राइज, जिसमें चीनी कंपनी को 60 फीसदी स्वामित्व प्राप्त होना था, को दो साल पहले कैंसल कर दिया गया था. प्रेस नोट 3 के नियमों के अनुसार, भारत के साथ बॉर्डर शेयर करने वाले किसी देश की यूनिट से किसी भी FDI को सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होती है.

यह चीन को टारगेट करके किया गया था और बढ़ते तनाव के बीच आया था. शंघाई हाइली ने हाल ही में पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट के साथ एसी कंप्रेसर बनाने के लिए एक टेक्नीकल अलाएंस भी बनाया है, जिसके तहत वह टेक्नोलॉजी शेयर करेगा. समझौते में कोई इक्विटी क्लॉज नहीं है. पीजी 350 करोड़ रुपए में पुणे के पास 5 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष की क्षमता वाला प्लांट स्थापित कर रहा है.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर