Chikungunya Virus: चीन में 73 साल बाद मच्छर से फैलने वाला चिकनगुनिया वायरस फिर से तेजी से फैल रहा है. दक्षिणी चीन के फोशान शहर में इस वायरस के करीब 8,000 मामले सामने आ चुके हैं, जो हांगकांग से लगभग 170 किलोमीटर दूर है.
चिकनगुनिया वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है और तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, मतली और त्वचा पर चकत्ते जैसी समस्या पैदा करता है. यह चीन की मुख्यभूमि में पहली बार इस स्तर पर फैला है क्योंकि यहां की आबादी में पहले कोई प्रतिरोधक क्षमता नहीं थी, जिसके कारण यह तेजी से फैल गया.
ड्रोन और सैनिक कर रहे मच्छर नियंत्रण अभियान
चीन के अधिकारियों ने इस वायरस को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. सैनिक मास्क पहनकर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं और ड्रोन की मदद से उन जगहों की पहचान की जा रही है जहां मच्छर के लार्वा पनपते हैं. इसके अलावा, मच्छर खाने वाली मछलियां और बड़े मच्छर जो लार्वा खा जाते हैं, तालाबों में छोड़े जा रहे हैं ताकि मच्छर की संख्या को कम किया जा सके.
घर में बिना अनुमति बच्चों के खून के नमूने लिए गए
मच्छर नियंत्रण की इन कोशिशों के बीच चीन में नागरिकों की निजता का मुद्दा भी सामने आया है. ग्वांगडोंग प्रांत के ज़ानजियांग में एक अकेली मां ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया जिसमें पुलिस अधिकारी उसके घर में घुसकर उसके बच्चों के खून के नमूने बिना उसकी सहमति के ले रहे हैं. यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और देशभर में निजता अधिकारों को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी.
सरकार ने कड़े कदम उठाए
ग्वांगडोंग के गवर्नर वांग वेइझोंग ने चिकनगुनिया महामारी से लड़ने के लिए पूरी ताकत लगाने का आदेश दिया है. फार्मेसियों को बुखार की दवाओं की बिक्री की रिपोर्टिंग करनी होगी. हालांकि, इस तरह की सख्त निगरानी से कोविड-19 के दौरान लागू किए गए नियमों की याद ताजा हो गई है, जिसने आम लोगों की निजता को प्रभावित किया था.
मौसम और अन्य कारण बढ़ा रहे खतरा
चिकनगुनिया वायरस सामान्यत, जानलेवा नहीं होता, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. चीन में भारी बारिश और गर्मी मच्छरों के प्रजनन के लिए बेहतर माहौल बना रहे हैं, जिससे यह संकट बढ़ रहा है. चीन वायरस को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन इस बीच नागरिकों की निजता और आजादी की लड़ाई भी तेज हो रही है. आने वाले दिनों में ही पता चलेगा कि चीन इस संकट से कैसे निपटता है.
