श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए आज सुबह आठ बजे से मतगणना जारी है। मतगणना के शुरूआती रुझानों में ही यहां की स्थिति साफ नजर आ रही है। जम्मू कश्मीर की जनता का जनादेश नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की ओर जाता दिख रहा है। गठबंधन 48 सीटों पर आगे चल रहा है जबकि बीजेपी 28 सीटों पर आगे है, वहीं अन्य 10 और निर्दलीय सीट पर आगे चल रही है। इस बीच सकारात्मक जनादेश को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों के जनादेश के साथ कोई धोखेबाजी नहीं होनी चाहिए और केंद्र तथा राजभवन को किसी भी तरह के जुगाड़ में शामिल नहीं होना चाहिए।
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बता दें कि यहां शुरुआती रुझानों में NC भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों से आगे है। अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा , ‘‘पारदर्शिता होनी चाहिए। जो भी हो, पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। जनादेश के साथ कोई धोखेबाजी नहीं होनी चाहिए। अगर जनादेश भाजपा के खिलाफ है, तो भाजपा को कोई जुगाड़ या अन्य कोई चाल नहीं चलनी चाहिए।”
दो सीटों से चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि राजभवन और केंद्र को जम्मू कश्मीर की जनता का जनादेश उसी तरह स्वीकार करना चाहिए, जिस तरह हमने संसदीय चुनावों में किया। उमर अब्दुल्ला गांदरबल और बडगाम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन चुनाव जीतेगा। उन्होंने कहा, हमें जीत की उम्मीद है, लेकिन बाकी सब ईश्वर के हाथ में है। हमें दोपहर तक पता चल जाएगा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने क्या फैसला किया है?
5 सीट को निर्वाचित सरकार की सलाह से भरना चाहिए
उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों का मनोनयन किए जाने के प्रावधान के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन को निर्वाचित सरकार की सलाह का इंतजार करना चाहिए। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कुछ वकीलों ने अपनी राय दी है। हमारे वकील ने कहा है कि उपराज्यपाल को विधायकों के मनोनयन का कोई अधिकार नहीं है। विधानसभा गठन के बाद यह निर्वाचित सरकार का अधिकार है। हमारे वकीलों ने ही लद्दाख मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में हमें जीत दिलाने में मदद की थी। उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह संसद में भी होता है। जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे उस समय मनोनयन हुआ तो यह मोदी सरकार की सलाह पर किया गया और उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों को मनोनीत नहीं किया था। इसलिए, उपराज्यपाल को संविधान को ध्यान में रखना चाहिए और इन पांच सीट को निर्वाचित सरकार की सलाह से भरा जाना चाहिए।
पीडीपी से नहीं मांगा समर्थन
सरकार बनाने के लिए चुनाव के बाद नेकां-कांग्रेस गठबंधन में पीडीपी के शामिल होने की अटकलों पर अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन ने न तो कोई समर्थन मांगा है, न ही उसे अभी तक पीडीपी से कोई समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले नतीजे आने दो। अभी किसी के पास संख्या बल नहीं है।” शुरुआती रुझानों में NC को बढ़त मिलने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह शुरुआती रुझानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार लोकसभा चुनाव में जब मैं सुबह की सैर के लिए निकाला था, तो शुरुआती रुझानों में मैं जीत रहा था। फिर जब मैं घर पहुंचा, तो स्थिति बदल गई। दोपहर बाद हम बात करेंगे।’