अगर बिजनेस के जरिए अपनी किस्तम के दरवाजे खोलना चाहते हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है। जिसे जादुई बिजनेस भी कह सकते हैं। यानी इसमें घाटा लगने के चांस बेहद कम है। हम बात कर रहे हैं जादुई फूलों की खेती के बारे में। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बुंदेलखंड के किसान जादुई फूलों की खेती कर अपनी तकदीर बदल रहे हैं। किसानों का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे जादूई फूल यानी कैमोमाइल फूल (Chamomile Flower) के नाम से जाना जाता है। इन फूलों से आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाइयां बनाई जाती हैं। लिहाजा प्राइवेट कंपनियों में इन फूलों की बंपर डिमांड है।
कैमोमाइल (जादुई फूल) निकोटीन रहित होता है। यह पेट से जुड़ी बीमरियों के रामबाण है। इन फूलों का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि जादुई फूलों की मांग आयुर्वेद कम्पनी में ज्यादा है। ऐसे में बहुत से लोग इस फूलों की खेती करने लगे हैं।
जादुई फूल का उत्पादन और कमाई
बंजर जमीन पर भी जादुई फूल की बंपर पैदावार होती है। इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक सेहत दुरुस्त कर सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल जादुई फूल उग आते हैं। वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार हो जाती है। इसकी लागत करीब 10,000-12,000 रुपये आती है। लागत से इसमें 5-6 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं। इसकी फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है। यानी 6 महीने में किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कुछ सालों तक इन फूलों की खेती करने से जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं।
जादुई फूल के फायदे
इन फूलों को सुखाकर इसकी चाय भी बनाकर पी जाती है। इसकी चाय से अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। वहीं स्किन रोगों में भी कैमोमाइल काफी फायदेमंद है। यह जलन, अनिद्रा, घबराहट और चिड़चिड़ापन के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके फूल का उपयोग मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।