इन दिनों बहुत से लोग पारंपरिक खेती छोड़कर नकदी फसल की ओर रूख कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो गेंदा के फूल की खेती कर सकते हैं। बिहार सरकार इसके लिए किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया करा रही है। गेंदा के फूलों की डिमांड हमेशा हर सीजन में बनी रहती है। पूजा-पाठ से लेकर शादी-विवाह तक, कोई भी शुभ कार्य हो, हर जगह इन फूलों की जरूरत पड़ती है। बिहार सरकार के उद्यान विभाग की ओर से किसानों की मदद की जा रही है।
पारंपरिक खेती के मुकाबले बागवानी या फूलों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद भी साबित हो रही है। गेंदा फूल की खेती किसानों की जिंदगी में भी महक भर रही है। लिहाजा बिहार सरकार किसानों को गेंदा की खेती के लिए प्रेरित कर रही है।
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गेंदा की खेती के लिए 70 फीसदी सब्सिडी
बिहार कृषि प्रधान राज्यों में से एक है। सूबे की करीब 75 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। पहले यहां के किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों की ही खेती करते थे। ऐसे में उन्हें अधिक बारिश होने और सूखे जैसी स्थिति पैदा होने पर फसलों को नुकसान पहुंचने का भी डर रहता था। लेकिन अब बागवानी फसलों की खेती से उन्हें मौसम को लेकर चिंता नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल राज्य में किसान अमरूद, आवला, जामुन, आम, लीची, पपीता, केला और मशरूम की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। वहीं राज्य में फूल का रकबा बढ़ाने के लिए अभी कृषि विभाग किसानों को गेंदे पर सब्सिडी मुहैया करा रहा है। बिहार सरकार के मुताबिक, बागवानी विकास मिशन योजना के तहत किसानों को गेंदे की खेती पर सब्सिडी दी जा रही है।
एक बार में 3-4 लाख रुपये की कमाई
एक हेक्टेयर खेत में लगभग 40,000 पौधे लगाए जा सकते हैं। किसानों को पौधे विभाग की ओर से मुहैया कराए जाते हैं। एक किसान को अधिकतम एक हेक्टेयर खेत के लिए सब्सिडी जाती है। किसान गेंदे के फूल की खेती कर 60-65 दिनों में एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन उत्पादन कर सकते हैं। इन पौधों से 3-4 बार फूल की तुड़ाई होती है। एक बार में इससे 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं।