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August 25, 2025 3:10 pm

Budget 2025: मिडिल क्लास की जिंदगी में भर जाएंगी खुशियां……’निर्मला सीतारमण को टैक्स ब्रैकेट और डिडक्शन बढ़ाने की सलाह……

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मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स यूनियन बजट 2025 को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को उन्हें टैक्स में राहत देंगी। अभी 10-15 लाख से ज्यादा सालाना इनकम वाले लोगों को काफी टैक्स चुकाना पड़ता है। इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वाले लोगों को 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है।

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टैक्स ब्रैकेट बढ़ाने से होगा फायदा

बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का मानना है कि सरकार के तीन ऐलान से मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स की जिंदगी आसान हो सकती है। उन्होंने नई टैक्स रीजीम में 15 लाख रुपये तक इनकम वाले ब्रैकेट की सीमा बढ़ाकर 18 लाख रुपये करने की सलाह वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman को दी है। अभी 12 से 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। अगर इस टैक्स ब्रैकेट की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 18 लाख रुपये कर दी जाती है तो सालाना 18 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटकर 20 फीसदी रह जाएगा। अभी सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वाले लोगों को 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है।

इनकम टैक्स से छूट की सीमा बढ़ानी होगी

उन्होंने सरकार को सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री करने की मांग की है। पिछले कुछ सालों में जिस तरह से महंगाई खासकर खानेपीने की चीजों की कीमतें जिस तरह से बढ़ी हैं, उससे सालाना 10 लाख रुपये की इनकम ज्यादा नहीं रह गई है। अगर सरकार सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री करती है तो इससे बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगता है। नई रीजीम में सालाना 3 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स से छूट मिलती है।

30 फीसदी फ्लैट डिडक्शन से बढ़ेगी सेविंग्स

शेट्टी ने सरकार को एक समान 30 फीसदी डिडक्शन देने की सलाह दी है। उनकी दलील है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम में डिडक्शन नहीं होने का असर लोगों की सेविंग्स पर पड़ा है। लोग लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ELSS जैसे टैक्स-सेविंग्स प्रोडक्ट्स में भी निवेश में कमी देखने को मिल रही है। इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सेक्शन 80सी के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में निवेश पर डिडक्शन मिलता है। इनमें लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और ELSS शामिल हैं। लेकिन, नई रीजीम में यह डिडक्शन नहीं मिलता है।

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