दिल्ली-जयपुर हाईवे पर यात्रा करने वालों को इस समय भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. टोल देने के तुरंत बाद जगह-जगह टूटी सड़कों से वाहन हिचकोले खाते हैं. मनोहरपुर और शाहजहांपुर सहित कई इलाकों में सड़क बीच से धसी हुई है. धूल और गड्ढों के बीच सफर करना मुश्किल हो गया है. एनएचएआई ने मरम्मत कार्य शुरू किया है.
दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 पर सफर करने वालों के लिए इन दिनों यह यात्रा किसी परीक्षा से कम नहीं है. टोल प्लाजा से गुजरने के तुरंत बाद ड्राइवरों को लगता है कि उनसे जबरन टोल वसूला गया है क्योंकि सड़क की हालत बेहद खराब है. मनोहरपुर और शाहजहांपुर सहित कई हिस्सों में सड़क बीच से धसी हुई है और जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं.
हाईवे पर वाहनों की रफ्तार टूटे हिस्सों और उभरे गड्ढों की वजह से धीमी पड़ जाती है. इससे हादसे का खतरा भी बढ़ गया है. सर्विस लेन पर भी हालात बदतर हैं. जहां फ्लाईओवर और अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां पूरी सड़क टूटी हुई है और धूल के गुबार से ड्राइवरों को परेशानी होती है.
हाईवे पर टूटी सड़क से परेशान लोग
एनएचएआई अधिकारियों से शिकायत मिलने के बाद कुछ टोल प्लाजा के पास सड़क सुधार का काम शुरू किया गया है. हालांकि, वाहन चालकों का कहना है कि सड़क पर काम की रफ्तार बहुत धीमी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं.
दिल्ली-जयपुर हाईवे देश के सबसे पुराने और व्यस्त हाईवे में से एक है. यह स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का हिस्सा है और प्रतिदिन करीब 70 हजार वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं. ट्रैफिक दबाव के कारण इसे 4 लेन से 6 लेन किया गया था, लेकिन 160 किलोमीटर के हिस्से में अभी भी कई जगह यह सिर्फ 4 लेन है.
रोज 70 हजार वाहन इस रास्ते से निकलते हैं
2023 में एनएचएआई ने मेंटेनेंस के लिए 800 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था, जिसमें सड़क की मजबूती, ड्रेनेज और फ्लाईओवर कार्य शामिल थे. लेकिन जमीन पर हालात अब भी बिगड़े हुए हैं और यात्रियों को हर सफर में परेशानी झेलनी पड़ रही है.