दिल्ली प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन में फैंस की नजरें मैदान पर होने वाले मुकाबले के साथ-साथ टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बेटे पर भी थीं. सहवाग के बड़े बेटे आर्यवीर को पहली बार इस लीग में मौका मिला था लेकिन उन्हें डेब्यू के लिए इंतजार करना पड़ा.
सेंट्रल दिल्ली किंग्स की ओर से खेल रहे आर्यवीर सहवाग को आखिरकार टूर्नामेंट खत्म होने से पहले मौका मिला लेकिन 2 मैच के बाद ही उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. DPL 2025 के फाइनल मैच में सेंट्रल दिल्ली ने उन्हें प्लेइंग-11 से बाहर कर दिया. चौंकाने वाली बात ये है कि इस फाइनल को देखने के वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे थे लेकिन उन्हें अपने बेटे का कमाल देखने का मौका नहीं मिला.
रविवार 31 अगस्त को दिल्ली प्रीमियर लीग 2025 सीजन का फाइनल खेला गया, जिसमें सेंट्रल दिल्ली किंग्स की टक्कर वेस्ट दिल्ली लायंस से हुई. इस फाइनल में सेंट्रल दिल्ली पहले बैटिंग के लिए उतरी लेकिन पिछले दो मुकाबलों की तरह इस बार उसके लिए ओपनिंग में आर्यवीर सहवाग नहीं उतरे, बल्कि सिद्धार्थ जून को मौका दिया गया. आर्यवीर ने इससे पहले ईस्ट दिल्ली के खिलाफ लीग स्टेज में डेब्यू किया था और पहले ही मैच में 16 गेंदों में 4 चौके कूटते हुए 26 रन बना दिए थे.
आर्यवीर को 2 मैच के बाद किया ड्रॉप
आर्यवीर को यश ढुल के जाने के बाद डेब्यू का मौका मिला था, जो दलीप ट्रॉफी में खेलने के लिए DPL छोड़कर गए थे. आर्यवीर की पहली ही पारी ने उम्मीद जगाई थी कि वो बचे हुए सभी मुकाबले खेलेंगे. पहले मैच के दम पर उन्हें क्वालिफायर-1 में मौका दिया गया था लेकिन इस बार उनका बल्ला नहीं चला और वो 5 गेंदों में सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. हालांकि, फिर भी उम्मीद यही थी कि उन्हें फाइनल में भी मौका दिया जाएगा और खिताबी मुकाबले में वो अपनी बैटिंग का जलवा दिखा सकें लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें बेंच पर बैठकर ये मुकाबला देखना पड़ा.
वेदांत को नहीं मिल पाया मौका
इस मुकाबले को देखने के लिए आर्यवीर के पिता वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे हुए थे. सहवाग को इस लीग का ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किया गया था और इसलिए ही वो फाइनल में पहुंचे थे. मगर उनके लिए ये निराशाजनक रहा क्योंकि उनके बेटे को खेलने का मौका नहीं मिला.
सिर्फ आर्यवीर ही नहीं, बल्कि वेस्ट दिल्ली की टीम में सहवाग के छोटे बेटे वेदांत भी थे और उन्हें भी इस मुकाबले में खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि, स्पिनर वेदांत को इस पूरे टूर्नामेंट में एक बार भी मौका नहीं मिला और वो सिर्फ प्रैक्टिस में ही नजर आते रहे. मगर फाइनल में दोनों भाईयों की टक्कर देखने का मौका उनके पिता और फैंस के हाथों से निकल गया.
