संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही का दूसरा हफ्ता चल रहा है। लोकसभा में आज, 18 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने महाकुंभ पर अपना वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ के सफल आयोजन पर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में जब बिखराव की स्थितियां हैं, उस दौर में एकजुटता का विराट प्रदर्शन हमने महाकुंभ में देखा। महाकुंभ की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। पीएम मोदी ने सदन में अपने मॉरीशस दौरे का एक किस्सा भी सुनाया।
लोकसभा में PM मोदी ने कहा, महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे। जब अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं तो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखती है।
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जब संगम का जल लेकर मॉरीशस गए थे PM मोदी
पीएम मोदी ने सदन में बताया कि बीते सप्ताह मैं मॉरीशस में था और मैं महाकुंभ के त्रिवेणी संगम का पवित्र जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरीशस के गंगा तलाब में अर्पित किया गया तो वहां जो नजारा था वो देखने लायक था। वहां जो श्रद्धा का, आस्था का, उत्सव का माहौल था, वो देखते ही बनता था, लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। ये दिखाता है कि हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों को आत्मसात करने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। इससे पता चला कि हमारी संस्कृति का जश्न देश ही नहीं विदेशों में भी मनाया जा रहा है।
सामूहिक चेतना देश का सामर्थ्य बताती है- PM मोदी
महाकुंभ पर अपना वक्तव्य में लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा, पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हमने महसूस किया था कि कैसे देश अगले 1000 वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। इसके ठीक एक साल बाद महाकुंभ के इस आयोजन ने हम सभी के इस विचार को और दृढ़ किया है। देश की यह सामूहिक चेतना देश का सामर्थ्य बताती है.
सबका प्रयास का साक्षात स्वरूप महाकुंभ
पीएम मोदी ने कहा, हम सब जानते हैं, गंगा जी को धरती पर लाने के लिए एक भगीरथ प्रयास हुआ था, वैसा ही महाप्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में भी हमने देखा है। मैंने लाल किले से ‘सबका प्रयास’ के महत्व पर जोर दिया था। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘सबका प्रयास’ का यही साक्षात स्वरूप है।
