राजस्थान में ARL ग्रुप और अक्षत बिल्डर्स पर आयकर विभाग की ओर से बीते चार दिन से की जा रही छापामार कार्रवाई में अपनों की दगाबाजी का भी खेल सामने आया है. अक्षत बिल्डर्स ग्रुप के अक्षत जैन की संपत्तियां उनके अपनों ने ही हड़प ली. इसका खुलासा आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान हुआ है. दस्तावेजों में जब मामले की परतें खुली तो उसे देखकर आयकर अधिकारी भी सकते में आ गए. छापे की इस कार्रवाई में अब तक करीब 160 करोड़ रुपये के काले कारोबार का खुलासा हो चुका है.
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक अक्षत जैन के परिजनों ने उसके नाम की करीब 70 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति हड़पी है. अक्षत के 70 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर में धोखाधड़ी सामने आई है. यह धोखाधड़ी उसके ही परिजनों की ओर से की गई है. अक्षत के नाम पर परिजनों ने रिएल एस्टेट में करोड़ों रुपये की काली कमाई की है. अक्षत जैन के शेयर नियम विरुद्ध 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से परिजनों ने खरीद लिए. जबकि बाजार में अक्षत जैन के एक शेयर की फेस वैल्यू 400-500 रुपये है.
अक्षत कारोबार से ज्यादा मोह नहीं रखते हैं
दरअसल अक्षत बिल्डर्स ग्रुप का नाम इस फर्म के मालिक के बेटे अक्षत के नाम पर है. अक्षत जैन को धन-दौलत और कारोबार से ज्यादा मोह नहीं है. अक्षत की अपनी प्रेमिका से मोहब्बत और घरेलू व्यावसाय में उसकी बेरुखी उसके परिजन नाराज रहते हैं. अक्षत के सामाजिक संस्थाओं और सरोकार भी परिजनों को रास नहीं आते हैं. उसके परिजनों ने 70 करोड़ से ज्यादा के शेयर ट्रांजिक्शन में टैक्स चोरी भी की है. अब विभाग उसके परिजनों से आयकर टैक्स के साथ ब्याज और पैनल्टी भी वसूलेगा.
सौ करोड़ रुपये से ज्यादा ब्लैक मनी से जुड़े दस्तावेज मिल चुके हैं
आयकर विभाग को ग्रुप संचालकों के ठिकानों से अब तक सौ करोड़ रुपये से ज्यादा ब्लैक मनी से जुड़े दस्तावेज मिल चुके हैं. इस कार्रवाई में अब तक 16 किलो से ज्यादा सोना भी मिला है. आयकर विभाग आज लगातार चौथे दिन ARL ग्रुप और अक्षत बिल्डर्स पर छापामार कार्रवाई कर रहा है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.