बिहार विधानसभा चुनाव में 6 जिलों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कोई प्रत्याशी इस बार मैदान में नहीं हैं। इनमें 3 जिलों में पहले तो बाकी 3 में दूसरे चरण में चुनाव हैं। हालांकि 5 जिले ऐसे भी हैं, जहां की एक-एक सीट पर ही एनडीए की ओर से भाजपा के प्रत्याशी चुनाव में उतरे हैं। साथ ही कुछ जिलों की 70-80% सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हैं। गौर हो कि भाजपा इस बार 32 जिलों की कुल 101 सीटों पर लड़ रही है।
भाजपा के प्रत्याशी जिन जिलों में नहीं हैं, उनमें मधेपुरा, खगड़िया, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद और रोहतास शामिल हैं। वहीं, जहां की एक-एक सीट पर ही पार्टी लड़ रही है, उनमें सहरसा, लखीसराय, नालंदा, बक्सर, जमुई और नालंदा शामिल हैं। भाजपा ने सबसे अधिक 8 उम्मीदवार पश्चिम चंपारण जिले में उतारे हैं। इनमें हरसिद्धि, पिपरा, कल्याणपुर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबन, चिरैया और ढाका शामिल हैं। इस जिले में कुल 12 सीटों में 8 पर भाजपा है।
पूर्वी चंपारण की 9 में 7 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हैं। इस तरह देखें तो सीटों की संख्या के लिहाज से भाजपा के लिए चंपारण का क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। इधर, पटना जिले की 14 में 7 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। दरभंगा की 6, मुजफ्फरपुर की 5, भोजपुर की 5 और मधुबनी की 5 सीटें भाजपा के खाते में आई हैं।
मालूम को कि राज्य की कुल 243 सीटों में जदयू-भाजपा 101-101, लोजपा आर 29 तथा हम और रालोमो के 6-6 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि, एक सीट मढ़ौरा में लोजपा (आर) के उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है।
2020 में 110 सीटों पर लड़ी थी भाजपा
साल 2020 की तुलना इस बार से करें तो पिछली बार भी भाजपा के प्रत्याशी पांच जिलों में नहीं थे। इनमें शिवहर, खगड़िया, शेखपुरा, जहानाबाद और मधेपुरा शामिल था। इस बार इनमें एक नया जिला रोहतास जुड़ा है। 2020 में भाजपा के दो उम्मीदवार रोहतास जिले की दो सीटों डिहरी और काराकाट में उतरे थे। हालांकि, इस दोनों ही सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार पार्टी ने दोनों सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी है।






