छत्तीसगढ़ में बुधवार सुबह एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की। तड़के से ही रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के कई बड़े शहरों में लगभग 20 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। यह कार्रवाई राजस्व निरीक्षक (RI) भर्ती 2024 के पेपर लीक मामले से जुड़ी हुई मानी जा रही है।
राजधानी रायपुर में बड़ी दबिश
राजधानी रायपुर के चौसरिया कॉलोनी में मंत्रालय में पदस्थ कर्मचारी राकेश डडसेना के निवास पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा। यहां से अधिकारी विभिन्न दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स की जांच कर रहे हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी को कई संदिग्ध दस्तावेज मिलने की संभावना जताई गई है, जिन्हें कब्जे में लेकर आगे की पड़ताल की जा रही है।
अंबिकापुर में 4 आरआई के घर छापेमारी
अंबिकापुर में आज सुबह तड़के चार राजस्व निरीक्षकों के आवास पर एक साथ कार्रवाई की गई। जिन अधिकारियों के घर जांच टीम पहुंची, उनमें शामिल हैं-
आरआई गौरीशंकर (निवासी: महुआपारा)
आरआई नरेश मौर्य (निवासी: फुंदुर्दिहारी)
आरआई धरमसाय लकड़ा (निवासी: बौरीपारा, शिकारीरोड)
आरआई अभिषेक सिंह (निवासी: कोणार्क सिटी)
बताया जा रहा है कि ये सभी अधिकारी वर्तमान में अलग-अलग जिलों में पदस्थ हैं। टीम ने इनके घरों से पेपर लीक मामले से जुड़े रिकॉर्ड, मोबाईल डेटा, लैपटॉप, बैंक लेनदेन और अन्य संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की।
कई जिलों में कार्रवाई जारी
ACB-EOW की टीमें रायपुर और अंबिकापुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, गरियाबंद, महासमुंद समेत कई जिलों में सक्रिय हैं। दबिश जिन स्थानों पर दी गई है, वे सभी उन अधिकारियों या मध्यस्थों के घर माने जा रहे हैं, जिन पर आरआई भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का संदेह है।
पेपर लीक मामले में जांच तेज
राजस्व निरीक्षक भर्ती 2024 में पेपर लीक की शिकायत के बाद से ही यह मामला राज्य में सुर्खियों में है। परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवालों को देखते हुए जांच एजेंसी लगातार शक के दायरे में आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर नजर बनाए हुए है। आज की बड़ी कार्रवाई को इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आगे की कार्रवाई
ACB-EOW के अधिकारियों का कहना है कि जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की जांच पूरी होने के बाद कई नए खुलासे संभव हैं। अगर पेपर लीक से जुड़े वित्तीय लेनदेन या संलिप्तता के प्रमाण मिलते हैं, तो कई और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।





