आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. दरअसल, देश में महंगाई दर (Inflation Rate) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सरकार ने बुधवार (12 नवंबर) को अक्टूबर महीने का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी महंगाई दर का डेटा जारी किया. अक्टूबर में महंगाई घटकर सिर्फ 0.25 फीसदी पर आ गई, जो साल 2012 के बाद से सबसे कम है. सितंबर में यह दर 1.44 फीसदी थी.
महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से खाने-पीने की चीजों के दाम घटने की वजह से आई है. फूड इंडेक्स अक्टूबर में -5.02 फीसदी पर रहा, जबकि सितंबर में यह -2.3 फीसदी था यानी अनाज, सब्जियों और तेल जैसी जरूरी चीजों के दामों में और राहत मिली है. ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -4.85 फीसदी रही है. इस दौरान शहरी क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर -5.18 फीसदी रही है.
ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर -0.25 फीसदी रही
ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर अक्टूबर में -0.25 फीसदी रही है, जबकि सितंबर में यह 1.07 फीसदी थी. वहीं, शहरी क्षेत्र में महंगाई दर 0.88 फीसदी रही है, जबकि सितंबर में यह 1.83 फीसदी थी. अक्टूबर में ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन में महंगाई दर अक्टूबर में 0.94 फीसदी रही है, जो कि सितंबर में 1.82 फीसदी थी. फ्यूल एंव लाइट में महंगाई दर अक्टूबर में 1.98 फीसदी रही है, सितंबर में भी यह 1.98 फीसदी पर रही थी.
जीएसटी रिफॉर्म का भी असर
महंगाई में आई गिरावट के पीछे जीएसटी रिफॉर्म का भी अहम रोल रहा है. हाल ही में जीएसटी दरों में किए गए बदलाव और खाने-पीने की चीजों पर टैक्स में कटौती से कई जरूरी सामान सस्ते हुए हैं. बता दें कि देश में 22 सितंबर, 2025 से नए जीएसटी रिफॉर्म लागू किए गए हैं, जिनका असर अब खुदरा कीमतों में दिखने लगा है.
RBI को महंगाई 2 फीसदी से 6 फीसदी के भीतर रखने की जिम्मेदारी
सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है. इसमें 2 फीसदी का घट-बढ़ हो सकता है. इसका मतलब कि अगर महंगाई 2 से 6 फीसदी के भीतर रहती है, तो आरबीआई के लिए ज्यादा परेशानी नहीं रहती.






