जयपुर नगर निगम ने आमजन की बड़ी परेशानी को खत्म करते हुए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लागू कर दिया है। अब नगर निगम क्षेत्र में आने वाले सरकारी अस्पतालों में होने वाले अधिकांश जन्म और मृत्यु मामलों के लिए लोगों को टोंक रोड स्थित नगर निगम मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आज से यह सुविधा नगर निगम के 13 जोन कार्यालयों में शुरू कर दी गई है, जहां संबंधित अस्पतालों के केस में प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
अब तक स्थिति यह थी कि जयपुर के सरकारी अस्पतालों में बच्चे के जन्म या किसी की मृत्यु होने पर परिजनों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम मुख्यालय जाना अनिवार्य था। कई बार यह दूरी 10 से 15 किलोमीटर या उससे अधिक होती थी, जिससे नवजात के माता-पिता और शोकाकुल परिवारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसी परेशानी को देखते हुए नगर निगम ने यह विकेंद्रीकरण का फैसला लिया है।
नगर निगम जयपुर के आयुक्त डॉ. गौरव सैनी ने बताया कि यह सुविधा नगर निगम के सभी 13 जोन कार्यालयों में एक साथ शुरू की गई है। अब मुख्यालय स्तर पर केवल चुनिंदा बड़े सरकारी अस्पतालों के मामलों में ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। उनका कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह जन-सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि लोगों का समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत हो सके।
डॉ. सैनी ने बताया कि जयपुर शहर में कई सीएचसी और सरकारी अस्पताल ऐसे हैं, जो नगर निगम मुख्यालय से काफी दूर स्थित हैं। ऐसे में छोटे-छोटे कामों के लिए भी लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब संबंधित जोन कार्यालय में ही प्रमाण पत्र बनने से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी, यानी यह सुविधा जोन कार्यालयों और मुख्यालय—दोनों जगह उपलब्ध रहेगी।
अब तक नगर निगम के जोन कार्यालयों में केवल प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले जन्म-मृत्यु मामलों के प्रमाण पत्र ही बनाए जाते थे। नई व्यवस्था के तहत अब प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ जोन क्षेत्र में आने वाले सरकारी अस्पतालों और सीएचसी में होने वाले केस के प्रमाण पत्र भी वहीं जारी किए जाएंगे। इससे जोन स्तर पर काम का दायरा बढ़ेगा, लेकिन आमजन को सीधा फायदा मिलेगा।
नगर निगम के अलग-अलग जोन कार्यालयों के तहत कई बड़े सरकारी अस्पताल और सीएचसी जोड़े गए हैं। हवा महल-आमेर जोन में सीएचसी आमेर, पं. दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल गणगौरी बाजार और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ब्रह्मपुरी शामिल हैं। मालवीय नगर जोन में महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, रुक्मणि देवी जयपुरिया हॉस्पिटल और संतोकबा दुर्लभ जी हॉस्पिटल को जोड़ा गया है। इसी तरह सिविल लाइंस, सांगानेर, विद्याधर नगर, आदर्श नगर, झोटवाड़ा और जगतपुरा जोन में संबंधित सरकारी अस्पतालों और सीएचसी के केस अब वहीं निपटाए जाएंगे।
नगर निगम जयपुर के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) विक्रम सिंह के अनुसार अब नगर निगम मुख्यालय में केवल छह बड़े सरकारी अस्पतालों के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होंगे। इनमें सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस), एसएमएस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक (SSB), स्टेट कैंसर हॉस्पिटल प्रताप नगर, जेके लॉन हॉस्पिटल, RUHS हॉस्पिटल और आदर्श नगर स्थित मनोचिकित्सालय शामिल हैं।
कुल मिलाकर, नगर निगम का यह कदम जयपुर के नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया ज्यादा सरल, तेज और स्थानीय हो गई है—यानी काम भी पास में और परेशानी भी कम।





