auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 25, 2025 1:07 pm

ट्रंप के बयान के बीच सरकार ने साफ किया रुख……’क्या रूस से तेल नहीं खरीद रहा भारत……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ को लेकर दुनियाभर में इस समय चर्चा में बने हुए हैं. पिछले दिनों उन्होंने 70 से ज्यादा देशों पर टैरिफ का ऐलान किया था. हालांकि इसे बाद में एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया. भारत पर टैरिफ का ऐलान करने के बाद भारत और रूस के बीच चल रहे व्यापार पर नाराजगी जताई थी. इसके साथ ही उन्होंने भारत पर रूस से खरीदारी के लिए पेनाल्टी की बात भी कही थी. इस बीच एक और दावा किया जा रहा है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. हालांकि इन दावों के बीच भारत का रुख स्पष्ट है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा.

उच्च रक्तचाप: कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

राष्ट्रपति ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं, यह एक अच्छा कदम है. हम देखेंगे कि क्या होता है. ट्रंप के इस दावे के बाद हलचल मची हुई है.

क्या है भारत का रुख?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे के बाद हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं कि क्या सही में भारत ने रूस से तेल न खरीदने की योजना बना ली है. इन सवालों के बीच जो कंपनियां रूस से तेल खरीदारी करती हैं, उनका कहना है कि रूस से तेल न खरीदने को लेकर उनके पास किसी तरह का कोई आदेश नहीं आया है. तेल कंपनियों ने कहा कि न तो इस तरह की चर्चा हो रही है. तेल कंपनियों के बयान से साफ है भारत अमेरिका के दबाव में आकर रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करने वाला है.

तेल न खरीदने की अफवाहों पर ट्रंप खुश होते नजर आ रहे हैं. जबकि एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था भारत रूस के साथ क्या करता है. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.

भारत के प्रति ट्रंप के सख्त तेवर

डोनाल्ड ट्रंप एक तरफ भारत को अपना अच्छा दोस्त बता रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ टैरिफ का बम भी फोड़ रहे हैं. बीते दिनों ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि ‘याद रखें, भारत हमारा मित्र है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने उसके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि उसके टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं. इसके अलावा, उसने हमेशा अपने अधिकांश सैन्य उपकरण रूस से ही खरीदे हैं. इसलिए भारत को पहली अगस्त से 25% टैरिफ और उपरोक्त सभी के लिए जुर्माना देना होगा.

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है रूस

रूस, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है, जिसका उत्पादन लगभग 9.5 मिलियन बैरल प्रति दिन (वैश्विक मांग का लगभग 10%) है, दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है, जो लगभग 4.5 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल और 2.3 मिलियन बैरल प्रति दिन परिष्कृत उत्पादों का निर्यात करता है. रूसी तेल के बाजार से बाहर होने की आशंका और इसके परिणामस्वरूप पारंपरिक व्यापार प्रवाह में व्यवधान के कारण मार्च 2022 में पुराने ब्रेंट क्रूड की कीमतें बढ़कर 137 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गईं हैं.

रूसी तेल कभी नहीं हुआ बैन

रूसी तेल पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही अमेरिका या यूरोपीय संघ ने इसे अभी तक बैन किया है. भारतीय तेल कंपनियां ईरानी या वेनेजुएला से कच्चा तेल नहीं खरीद रही हैं, जिस पर वास्तव में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है. तेल कंपनियां हमेशा अमेरिका की तरफ से रिकमेंड रूसी तेल के लिए 60 डॉलर की मूल्य सीमा का पालन करती रही हैं. हाल ही में यूरोपीय संघ ने रूसी कच्चे तेल के लिए 47.6 डॉलर की मूल्य सीमा की सिफारिश की है, जो सितंबर से लागू होगी.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login