दक्षिण चीन सागर के स्कारबोरो शोल के पास चीन और अमेरिकी सैनिकों के बीच भिड़ंत की खबर है. चीन का कहना है कि इस सबसे व्यस्तम मार्ग से अमेरिका का विध्वंसक जहाज जा रहा था, जिसे हमने मारकर खदेड़ दिया है. चीन ने अमेरिका पर स्कारबारो शोल में घुसपैठ का भी आरोप लगाया है. अमेरिका और चीन के बीच स्कारबारो शोल में भिड़ंत उस घटना के ठीक एक दिन बाद हुई है, जब फिलीपींस के चक्कर में स्कारबारो के पास चीन के 2 जहाज आपस में टकरा गए थे.
चीनी सेना का कहना है कि जिस तरीके से स्कारबारो शोल में अमेरिका घुसपैठ कर रहा है, वो अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. अमेरिका ने स्कारबारो के जरिए सीधे चीन के संप्रभुता को चुनौती दी है.
बिना परमिशन इंट्री की कोशिश की थी
चीन के दक्षिणी सैन्य कमांड का कहना है कि यूएसएस हिगिंस बुधवार को परमिशन लिए बिना स्कारबारो शोल में घुस गया, जिसके बाद उसे चेतावनी दी गई, लेकिन अमेरिका का यह विध्वंसक जहाज वापस नहीं लौटा, जिसके बाद उसे खदेड़ने की कोशिश हुई. चीन का कहना है कि अमेरिका ने उसके संप्रुभता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन किया है.
वहीं अमेरिका का कहना है कि उसने स्कारबारो में इंट्री के वक्त अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया. अमेरिका के 7वें बेड़े का कहना है कि यह अभियान नौवहन की स्वतंत्रता और समुद्र के वैध उपयोग को बनाए रखने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
स्कारबारो में चीन-अमेरिका की लड़ाई क्यों?
दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के लूजोन द्वीप के पश्चिम में लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित स्कारबारो को एक उथला द्वीप कहा जाता है. दक्षिण चीन सागर के इस द्वीप को सबसे व्यवस्तम द्वीप कहा जाता है. इस द्वीप पर फिलीपींस, चीन और ताइवान का दावा है.
2012 में चीन ने यहां पर अपने सैनिकों को उतारकर फिलीपींस की पहुंच को सीमित कर दिया. दक्षिण चीन सागर में अपने साथियों को बचाने के लिए अमेरिका लगातार एक्टिव है. अमेरिका चीन के कंट्रोल को चुनौती देने के लिए समय-समय पर जहाज को भेजता है.
ऐसे ही अभियान के दौरान बुधवार को दोनों देशों की सेना स्कारबारो शोल के पास भिड़ गई. अब तक दोनों ही तरफ से किसी के हताहत की खबर नहीं है.
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