आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 130वें संविधान संशोधन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने कहा कि जो व्यक्ति गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों वाले व्यक्ति को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता हो, ऐसे व्यक्ति को कितने साल तक की सजा होनी चाहिए.
पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि झूठे केस लगाने के बाद दोषमुक्त होने पर केस लगाने वाले मंत्री पर कितनी सजा होनी चाहिए. राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसा कर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलाई. पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं.
‘जेल वाली सरकार में कम से कम कोई काम तो नहीं रुका’
उन्होंने आगे कहा कि कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली नहीं जाती थी, पानी आता था, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में फ्री दवाईयां मिलती थीं, फ्री टेस्ट होते थे, एक बारिश में दिल्ली का इतना बुरा हाल नहीं होता था. प्राइवेट स्कूलों को मनमानी और गुंडागर्दी करने की इजाजत नहीं थी.
अमित शाह के ऑफिस ने किया था पोस्ट
दरअसल, अरविंद केजरीवाल की ओर से यह जवाब अमित शाह ऑफिस की ओर से किए गए एक पोस्ट पर आया है. उस पोस्ट में कहा गया है कि अगर कोई पांच साल से ज्यादा सजा वाले केस में जेल जाता है और उसे 30 दिन में जमानत मिलती है तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा. कोई छिटपुट आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना पड़ेगा. मगर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, या पांच साल से ज्यादा सजा के आरोप हैं, ऐसे मंत्री, सीएम या पीएम जेल में बैठकर सरकार चलाएं ये कितना उचित है?
मॉनसून सत्र के आखिरी में पेश हुआ बिला
केंद्र सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी में 130वें संविधान संशोधन के लिए एक बिल पेश किया था. इस बिल का विपक्ष ने खुलकर विरोध किया और कहा कि यह एक तरह से हथियाने का रास्ता है. सरकार राज्य की विपक्षी सरकारों को परेशान करने के लिए जानबूझकर इस तरह का बिल लेकर आई है. हालांकि, इस बिल को जेपीसी के पास भेजने का फैसला किया गया है. अब जेपीसी में इस बिल पर चर्चा होगी उसके बाद उसकी रिपोर्ट संसद में पेश होगी और फिर बिल को लेकर कार्यवाही आगे बढ़ेगी.
