जम्मू। 29 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। पिछले 26 दिनों में अमरनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 4.25 लाख को पार कर गई है। 3,089 श्रद्धालुओं का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ।
बीते साल पूरी अवधि के दौरान केवल 3.50 लाख यात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की थी। इस साल केवल 26 दिनों में 4.25 लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
गुरुवार को 3,089 यात्रियों का जत्था दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि दोनों सुरक्षा काफिले सुबह 3:25 बजे घाटी के लिए रवाना हुए।
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पहला सुरक्षा काफिला 43 वाहनों में 1 हजार 286 तीर्थयात्रियों को लेकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। दूसरा सुरक्षा काफिला 63 वाहनों में 1 हजार 803 तीर्थयात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।
यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।
श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार से पांच दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।
इस वर्ष की यात्रा 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्योहार के साथ संपन्न होगी।