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November 26, 2025 4:17 am

65 दिन तक अंधेरा: अलास्का का शहर डूब गया पोलर नाइट में, जनवरी 2026 तक सूरज गायब!

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कल यानी मंगलवार (18-11-2025) को सूरज डूबते ही अलास्का के उटकियागविक शहर में साल 2025 की आखिरी सूरज की रोशनी खत्म हो गई. अब यह शहर पोलर नाइट में प्रवेश कर चुका है. यानी 65 दिनों तक यहां सूरज नहीं उगेगा. अमेरिका का सबसे उत्तरी शहर होने के कारण यहां हर साल ऐसा होता है. लोग अब जनवरी 2026 तक सूरज का इंतजार करेंगे.

क्या है पोलर नाइट?

पोलर नाइट का मतलब है ध्रुवीय रात, जब सूरज क्षितिज से ऊपर नहीं आता और पूरा दिन अंधेरा रहता है. उटकियागविक (पहले बारो नाम से जाना जाता था) आर्कटिक सर्कल के अंदर है, जहां पृथ्वी की झुकाव की वजह से सूरज कई दिनों तक नहीं दिखता. इस साल 18 नवंबर को दोपहर 1:36 बजे सूरज डूबा और अब 22 जनवरी 2026 को ही उगेगा. यह अवधि ठीक 64-65 दिनों की है.

क्यों होता है यह अंधेरा?

पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है. सर्दियों में उत्तरी ध्रुव सूरज से दूर हो जाता है, इसलिए आर्कटिक इलाकों में सूरज नहीं पहुंचता. गर्मियों में ठीक उल्टा होता है – तब पोलर डे आता है, जब सूरज कभी नहीं डूबता. उटकियागविक में मई से अगस्त तक 80-85 दिनों तक लगातार सूरज रहता है. मौसम विभाग के अनुसार, इस साल डेलाइट सेविंग टाइम के बाद यह और साफ हो गया.

शहर की जिंदगी कैसी होती है?

उटकियागविक में करीब 4,500 लोग रहते हैं, ज्यादातर इनुइट जनजाति के. अंधेरे में जीवन मुश्किल होता है…

  • स्वास्थ्य पर असर: अंधेरा होने से लोग थकान, उदासी या डिप्रेशन महसूस करते हैं. इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर कहते हैं. लोग स्पेशल लाइट थेरेपी इस्तेमाल करते हैं.
  • दैनिक जीवन: स्कूल, काम और बाहर जाना जारी रहता है, लेकिन स्ट्रीट लाइट्स और घरों में रोशनी से काम चलाते हैं. तापमान -20 से -30 डिग्री तक गिर जाता है, इसलिए लोग घरों में ज्यादा रहते हैं.
  • सकारात्मक पक्ष: लोग पार्टी करते हैं, क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाते हैं. आर्कटिक की सुंदरता जैसे ऑरोरा बोरेलिस (उत्तरी रोशनी) दिखती है, जो रंग-बिरंगी लाइट्स की तरह आसमान में चमकती है.
  • पर्यटन: कुछ पर्यटक आते हैं इस अनोखे अनुभव के लिए, लेकिन ठंड बहुत ज्यादा होती है.

Utqiagvik Alaska Polar Night

इतिहास और रोचक तथ्य

उटकियागविक अमेरिका का सबसे उत्तरी शहर है, जहां सूरज की यह घटना हर साल होती है. पहले लोग इसे बारो कहते थे, लेकिन 2016 में नाम बदला गया. वैज्ञानिक यहां आर्कटिक रिसर्च करते हैं, जैसे जलवायु परिवर्तन का अध्ययन. ग्लोबल वार्मिंग से यहां बर्फ पिघल रही है, जो पोलर नाइट को प्रभावित कर सकती है.

क्या होगा आगे?

जनवरी में सूरज उगने के बाद उटकियागविक में फिर से रोशनी आएगी. मई 2026 तक पोलर डे शुरू हो जाएगा, जब सूरज कभी नहीं डूबेगा. विशेषज्ञ कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन से ऐसे इलाकों में बदलाव आ सकता है, लेकिन फिलहाल यह प्राकृतिक चक्र है.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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