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January 23, 2025 2:03 am

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Rajasthan News: SI के बाद अब राजस्थान के इस विभाग में भर्ती फर्जीवाड़ा ! बिना आवेदन ही 3 को बना दिया क्लर्क

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Fraud In Jaipur Zila Parishad : जिला परिषद जयपुर ने तीन ऐसे लोगों को लिपिक बना दिया, जिन्होंने न समय पर आवेदन किया था और न शुल्क भरा था। इसका खुलासा 4 साल बाद आरटीआई के जरिए हुआ है। हालांकि इन तीनों लिपिकों को भनक लगने पर पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है। जयपुर जिला परिषद इसी भर्ती से जुड़े एक और प्रकरण को लेकर कटघरे में है।

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जिला परिषद अलवर ने ऐसे दो लिपिकों के नाम बताएं हैं, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र यहां से जारी नहीं हुए थे। इन दोनों पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई। ये दोनों लिपिक जिला परिषद जयपुर में काम कर रहे हैं। जिला परिषद जयपुर सीईओ शिल्पा सिंह से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर बात नहीं की।

इस तरह तीन लोगों ने पाई नौकरी
जयपुर जिला परिषद में जयपुर के ही अजीत सिंह यादव की ओर से आरटीआई लगाई गई थी। इसमें खुलासा हुआ है कि लिपिक भर्ती 2013 के अंतर्गत वर्ष 2017 में जब जिला परिषद ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की तो तीन लोगों ने नए सिरे से फॉर्म जिला परिषद में जमा करवा दिए। यह फॉर्म भर्ती वर्ष 2013 में नहीं भरे गए थे, न ही इन अभ्यर्थियों ने कोई आवेदन फीस जमा कराई।

वर्ष 2019 में जब इस बात की जानकारी सामने आई तो जिला परिषद जयपुर ने गुपचुप तरीके से इन तीनों लिपिक प्रमोद कुमार सोनी, जितेंद्र कुमार और सुनील दत्त जांगिड़ को नौकरी से निकाल दिया। बर्खास्तगी आदेश में बाकायदा लिखा गया कि इन्होंने भर्ती के बाद आवेदन दिए और आवेदन शुल्क जमा नहीं कराया।

पूरी भर्ती प्रक्रिया कटघरे में
सरकार को भेजी रिपोर्ट में जिला परिषद जयपुर ने लिखा है कि कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 में 3 अभ्यर्थियों की ओर से निर्धारित अवधि 18 अप्रेल 2013 तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन प्रस्तुत नहीं किए। न ही निर्धारित आवेदन शुल्क जमा कराया गया। इसी तरह अलवर में भी पिछले साल 52 साल के एक ओवरएज व्यक्ति को नियुक्ति देने और गुपचुप तरीके से जिला स्थापना समिति की ओर से बर्खास्त करने का मामला सामने आ चुका है। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग सरकार से शिकायतकर्ता विजय कुमार, राहुल शर्मा आदि ने की है।

ये भेजी गई रिपोर्ट
एसीबी में दिसंबर, 2023 में शिकायत दर्ज कराई कि जिला परिषद जयपुर में दो लिपिक ऐसे कार्य कर रहे हैं, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी हैं। ये अलवर जिप के नाम से जारी हुए हैं। एसीबी ने पंचायत राज विभाग से और वहां से रिपोर्ट यहां जिला परिषद से मांगी। जिला परिषद ने सरकार को बताया कि संबंधित लिपिकों के अनुभव प्रमाण-पत्र अलवर से जारी नहीं हुए। इसके बाद जयपुर की एक पंचायत समिति में तैनात लिपिकों पर कार्रवाई नहीं हुई।

सरकार को भेजी रिपोर्ट में जिला परिषद जयपुर ने लिखा है कि कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 में 3 अभ्यर्थियों की ओर से निर्धारित अवधि 18 अप्रेल 2013 तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन प्रस्तुत नहीं किए। न ही आवेदन निर्धारित शुल्क जमा कराया गया। इसी तरह अलवर में भी पिछले साल 52 साल के एक ओवरएज व्यक्ति को नियुक्ति देने और गुपचुप तरीके से जिला स्थापना समिति की ओर से बर्खास्त करने का मामला सामने आ चुका है। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग सरकार से शिकायकर्ता विजय कुमार, राहुल शर्मा आदि

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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