Bikaner house in Delhi attached: भारत जब आजाद हुआ तब सभी राजा रजवाड़ों को राजधानी दिल्ली में एक भव्य महल दिया गया था. आज के दौर में यह भवन राज्य सरकार की प्रॉपर्टी हैं. यहीं से केंद्र और राज्यों के बीच औपचारिक तालमेल बैठाया जाता है. हाल में दिल्ली हाईकोर्ट ने हिमाचल भवन को सील करने का आदेश दिया था. अब कोर्ट के दायरे में राजस्थान का बिकानेर हाउस भी आ गया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने बिकानेर हाउस की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया है. इस खबर ने राजस्थान सरकार को भी हिला कर रख दिया है.
यहां यह जानना भी जरूरी है कि दिल्ली की जिस पटियाला हाउस कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है, वो खुद पटियाला के राजा के दिल्ली स्थित महल से चल रही है. यह कार्रवाई राजस्थान के एक नगर निगम द्वारा कंपनी की 50.31 लाख रुपये की मध्यस्थता राशि का भुगतान न करने के कारण की गई है. जिला न्यायाधीश विद्या प्रकाश ने एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में 2020 के मध्यस्थता पुरस्कार का हवाला देते हुए यह आदेश पारित किया. इस पुरस्कार के खिलाफ नगर पालिका की अपील को इस साल की शुरुआत में खारिज कर दिया गया था.
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2020 का आदेश नहीं किया फॉलो
राजस्थान की नोखा नगर पालिका और एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच विवाद के बाद एक समझौता हुआ था. इसी समझौते का पालन नहीं करने पर ये आदेश जारी हुआ है. पटियाला हाउस की कमर्शियल कोर्ट की जज विद्या प्रकाश की बेंच ने साल 2020 में नगर पालिका को 50.31 लाख रुपये का भुगतान एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स को करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद नगर पालिका ने कंपनी को पैसे नहीं दिए.
अवसर देने के बाद भी कान पर नहीं रेंगी जूं
कोर्ट ने 18 सितंबर को पारित निर्देशों का पालन न करने का उल्लेख किया. जज ने ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद देनदार पक्ष ने अपनी संपत्ति का हलफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश का पालन नहीं किया. अदालत ने डिक्री धारक की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रस्तुतीकरण से सहमति जताते हुए नई दिल्ली के बीकानेर हाउस को कुर्की वारंट जारी करने के लिए यह उपयुक्त मामला मानती है.”