जयपुर, 11 जनवरी। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई कर प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी समुदाय के 35 लोगों को बांसवाड़ा बुला ट्रेनिंग के बाद गार्ड व सुपरवाइजर की नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में करीब 6 साल से फरार चल रहे ₹10000 के इनामी सियाराम गुर्जर पुत्र खुशीराम निवासी निगोई थाना खोह जिला डीग को पकड़ लिया, जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए थाना कोतवाली जिला बांसवाड़ा पुलिस को सौंप दिया गया है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स श्री दिनेश एमएन ने बताया कि विभिन्न आपराधिक मुकदमा में वांछित अपराधियो, गैंगस्टर, तस्करों इत्यादि के बारे में आसूचना संकलन व धरपकड़ के लिए उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री योगेश यादव व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एजीटीएफ की विभिन्न टीमें अलग-अलग शहरों में रवाना की गई है।
एडीजी श्री एमएन ने बताया कि 20 मई 2019 को बालाजी सिक्योरिटी सर्विस ट्रेनिंग सेंटर शाखा प्रताप सर्कल बांसवाड़ा के कर्मी जगराम व सियाराम के विरुद्ध थाना पीपलखूंट व घण्टाली निवासी आदिवासी समाज के 35 लोगों द्वारा थाना कोतवाली बांसवाड़ा में रिपोर्ट दी गई कि जल स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लगी हुई पानी की टंकी एवं पाइपलाइन की सुरक्षा के लिए गार्ड व सुपरवाइजर पद पर प्रशिक्षण के बाद नियुक्ति देने की कह सिक्योरिटी राशि के रूप में लाखों रुपये ले लिए गए। उसके बाद ना तो आरोपियों ने नौकरी दी ना पैसे लौटाये।
इस मामले में फरार आरोपी सियाराम गुर्जर के विरुद्ध बांसवाड़ा कोर्ट से स्थाई गिरफ्तारी वारंट भी जारी है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी बांसवाड़ा द्वारा 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। एजीटीएफ के उप निरीक्षक सुभाष सिंह के नेतृत्व में एएसआई शैलेंद्र शर्मा, हेड कांस्टेबल मदनलाल, अरुण कुमार, कांस्टेबल श्रवण व बृजेश कुमार की टीम को भरतपुर की ओर भेजा गया था।
आसूचना सूचना संकलन के दौरान टीम को सूचना मिली कि बांसवाड़ा जिले का इनामी दिल्ली व गुड़गांव इलाके में फरारी काट रहा है जो अभी 10 दिन पहले ही अपने गांव लौटा है। इस पर एजीटीएफ ने एसपी डीग राजेश मीणा के समन्वय एवं एसएचओ खोह विशंभर सिंह के सहयोग से निगोई गांव दबिश देकर आरोपी सियाराम गुर्जर को डिटेन किया, जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए थाना कोतवाली जिला बांसवाड़ा से आए हेड कांस्टेबल पृथ्वीपाल सिंह मय टीम के सुपुर्द किया गया।
इस संपूर्ण कार्रवाई में एएसआई शैलेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल मदनलाल व कांस्टेबल बृजेश कुमार की विशेष भूमिका एवं हेड कांस्टेबल अरुण कुमार व कांस्टेबल श्रवण कुमार की सराहनीय भूमिका रही। दबिश एवं धरपकड़ की इस कार्रवाई के दौरान एसएचओ विशम्भर सिंह मय टीम के शामिल थे।