करंट लगाकर घाव भरेंगे तीन गुना तेजी से, वैज्ञानिकों का सफल प्रयोग

घावों को तेजी से भरने की तकनीक पर वैज्ञानिक काम कर रहे थे, जिसमें उन्हें सफलता मिल गई है। उन्होंने बिजली का इस्तेमाल करके आर्टिफिशियल स्किन पर प्रयोग किया है। इस प्रयोग में पाया गया कि घाव पहले से तीन गुना जल्दी भर गए। इंसानों की त्वचा पर इसका प्रयोग किया जाना बाकी है।
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक खास तरह की बायोचिप (Biochip) बनाई है, जो घावों को सामान्य से तीन गुना तेजी से ठीक करने के लिए, बिजली का इस्तेमाल करती है।
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इलेक्ट्रिक फील्ड त्वचा की कोशिकाओं की गतिविधियों को चोट की तरफ धकेलकर उन्हें गाइड कर सकते हैं। वास्तव में, मानव शरीर एक ऐसा इलेक्ट्रिक फील्ड (Electric field) उत्पन्न करता है, जो स्वाभाविक तौर पर ऐसा करता है। इसलिए जर्मनी की फ्रीबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस प्रभाव को बढ़ाने के बारे में सोचा।
ऐसा नहीं है ये चमत्कारिक रूप से गंभीर चोटों को ठीक कर देगा, बल्कि यह छोटे घावों को ठीक होने में लगने वाले समय को कम कर सकता है। जिन लोगों के घाव पुराने हैं, या फिर जिन्हें ठीक होने में लंबा समय लगता है, जैसे कि बुजुर्ग लोगों में या डाइबिटीज़ के मरीज़ों में, उनके खुले कट जल्दी ठीक हो सकते हैं।
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स्वीडन में फ्रीबर्ग यूनिवर्सिटी और चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में बायोइलेक्ट्रॉनिक वैज्ञानिक मारिया एस्प्लंड (Maria Asplund) कहती हैं कि पुराने घाव एक बड़ी सामाजिक समस्या है जिसके बारे में ज़्यादा बात नहीं होती। हमारी खोज से घाव तीन गुना तेजी से ठीक हो सकते हैं। और यह डायबिटीज़ के मरीज़ों और बुजुर्ग लोगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
जबकि यह साबित हो चुका है कि बिजली हीलिंग में मदद कर सकती है, प्रक्रिया पर इलेक्ट्रोनिक फील्ड की ताकत और दिशा का प्रभाव कभी भी ठीक से स्थापित नहीं किया गया। इसलिए शोधकर्ताओं ने एक बायोइलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बनाया और इसका इस्तेमाल केराटिनोसाइट्स (Keratinocytes) नाम की कोशिकाओं से बनी आर्टिफिशियल स्किन को विकसित करने के लिए किया। केराटिनोसाइट्स सबसे आम तरह की स्किन सेल होती हैं और हीलिंग के लिए अहम भी होती हैं।
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स्वस्थ केराटिनोसाइट्स और बनाई गई केराटिनोसाइट्स जिन्हें डायबिटीज़ वाले लोगों के जैसा बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, बिना किसी बिजली के त्वचा कोशिकाओं की तुलना में तीन गुना तेजी से माइग्रेट हुईं। इसमें घाव के सिर्फ एक तरफ से बिजली को पुश किया गया था। खास बात यह रही कि टेस्ट किए गए इलेक्ट्रोनिक फील्ड से कोई भी सेल डैमेज नहीं हुई।
ऐसे घाव जो सामान्य रूप से जल्दी ठीक नहीं होते, उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और फिर हीलिंग में और समय लगता है। कभी-कभी तो अंग काट देने की भी नौबत आती है। ऐसे में अगर कोई प्रक्रिया ऐसी है जो हीलिंग के समय को कम करती है तो उसपर काम किया जाना चाहिए।
Scientists Use Electricity to Make Wounds Heal 3x Faster https://t.co/qYsLbb4keO
— ScienceAlert (@ScienceAlert) April 22, 2023
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अगली स्टेज में यह टेस्ट किया जाएगा कि ये तकनीक आर्टिफिशियल सेल के बजाए जीवित मनुष्यों के घावों पर कैसे काम करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वे आश्वस्त हैं कि यह भविष्य में यह तकनीक उन लोगों की प्रभावी ढंग से मदद करेगी जिनके घाव धीरे-धीरे भरते हैं। यह शोध लैब ऑन अ चिप (Lab on a Chip) में प्रकाशित हुआ है।
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