लकड़ी के लट्ठे नजर आते हैं हर ओर, गाड़ियों की तरह लगा दिखता है जाम! अलग दुनिया का एहसास होगा यहां पहुंचकर 

 
biggest logjam

हाल ही में वैज्ञानिकों ने धरती पर सबसे बड़े लॉगजाम (Biggest logjam) का पता लगाया है। मैकेंजी नदी के आसपास मौजूद जितने भी जंगल हैं, वहां से ये पेड़ बहकर नदी में आ जाते हैं और जहां-जहां नदियां मुड़ रही हैं, वहां रुकने लगते हैं। नदी की डेल्टा में भी ये जाकर इक्ट्ठा होते हैं और लॉगजाम बना लेते हैं।

 

नई दिल्ली। सड़क पर निकलते ही गाड़ियों के जाम में फंसना तो आम बात है। आपने गाड़ियों के कई ट्रैफिक जाम देखे भी होंगे पर क्या आपने कभी लकड़ी के लट्ठों का जाम देखा है? इसे लॉगजाम कहते हैं और ये कनाडा के नुनावुट (Nunavut, Canada) में मैकेंजी रिवर डेल्टा (Mackenzie River Delta) पर पाया जाता है। विशेषज्ञों ने हाल की कुछ रिसर्च की हैं जिसके बाद पता चला है कि ये लॉगजाम (Earth’s Largest Logjam) दुनिया में सबसे बड़ा है और टनों कार्बन का भंडार भी है।

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साइंस अलर्ट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये लॉग जाम 51 वर्ग किलोमीटर में फैला है और पेड़ के तनों, लकड़ियों से बना है। दरअसल, मैकेंजी नदी के आसपास मौजूद जितने भी जंगल हैं, वहां से ये पेड़ बहकर नदी में आ जाते हैं और जहां-जहां नदियां मुड़ रही हैं, वहां रुकने लगते हैं। नदी की डेल्टा में भी ये जाकर इक्ट्ठा होते हैं और लॉगजाम बना लेते हैं। ये पेड़ के लट्ठे वो हैं, जो सदियों पहले सूखकर गिरे होंगे। इस जगह पर दूर-दूर तक सिर्फ लकड़ियों का ही जाम दिखाई देता है।

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25 लाख कारों के उत्सर्जन के बराबर कार्बन मौजूद
शोधकर्ताओं की मानें तो लकड़ी के उन लट्ठों में 34 लाख टन कार्बन जमा है जो जलवायु परिवर्तन के लिहाज से भी खतरनाक है। ये कार्बन पूल का निर्माण करता है। ये उतना ही कार्बन है, जितना 25 लाख कारें पूरे एक साल में निकालेंगी। अमेरिका के कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में शोध करने वाली वैज्ञानिक एलिशिया सैंड्रोवस्की (Alicia Sendrowski) का कहना है कि सालों से इसपर डाटा जुटाए गए हैं कि आर्कटिक में कैसे ये लकड़ी के लट्ठे पहुंचते हैं, पर अभी तक ये जानकारी नहीं है कि कितनी लकड़ी से मिलकर ये लॉगजाम बना है और कितना कार्बन उसमें कैद है।

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हजारों साल पुराने लट्ठे होने का दावा
यूनिवर्सिटी ऑफ लौसेन की वैज्ञानिक वर्जीनिया रुइज विलैनुएवा (Virginia Ruiz-Villanueva) का कहना है कि पानी और तलछट से कार्बन के प्रवाह पर काफी शोध की गई है पर लॉगजाम यानी लकड़ी पर शोध ही नहीं की गई। ये रिसर्च के लिए काफी नई दिशा है जिसमें तेजी से काम हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार आर्कटिक में लकड़ी के लट्ठे लंबे वक्त तक सुरक्षित रहते हैं क्योंकि वहां तापमान बहुत कम रहता है और मौसम में नमी बहुत कम है। हजारों साल पुराना लकड़ी का लट्ठा भी वैसा ही लगेगा जैसे पिछले साल का लट्ठा लगता होगा। मैकेंजी नदी में अलग-अलग समय के ये लट्ठे आसानी मिल जाएंगे।

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34 लाख टन से ज्यादा हो सकता है कार्बन
इस दिशा में काफी शोध की जा रही है जिससे पता लगाया गया कि एक जगह पर, जहां सबसे बड़ा लॉगजाम जमा है, उसका साइज 20 अमेरिकी फुटबॉल ग्राउंड के बराबर होगा। उसमें 7,300 टन कार्बन जमा है। वैज्ञानिकों का तो ये भी दावा है कि 34 लाख टन कार्बन का जो अंदाजा वो लगा रहे हैं, वो सिर्फ आसमान से जो लकड़ी के लट्ठे नजर आ रहे हैं, उन्हें देखकर लगाया जा रहा है। कई लट्ठे पानी के अंदर, मिट्टी में भी दबे होंगे।

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