महिला चलती फिरती रोबोट बनी, AI से हाथ को कमांड मिलेगा, दुनिया में पहली बार ऐसा

 
bionic arm

लंदन की एक मह‍िला चलती फ‍िरती रोबोट बन गई है। मह‍िला ने ट्रेन हादसे में एक हाथ और एक पैर खो दिया था, पर अब वह एक नई एआई बायोनिक भुजा यानी AI संचालित हाथ का इस्तेमाल कर रही है। दुनिया में पहली बार ऐसा चमत्कार हो रहा है। यकीनन यह एक नई उम्मीद है।

 

नई दिल्ली। इन दिनों ब्रेन चिप की चर्चा खूब हो रही। कहा जा रहा कि यह बीमारी होने से पहले ही तंत्रियका तंत्र की गत‍िविधि को पढ़ लेगा और बीमारी नहीं होगी। अगर होगी भी तो जल्दी पता चलेगी और उसे ठीक किया जा सकेगा। कुछ दिनों पहले एक कंपनी ने 50 लोगों के ब्रेन में चिप लगा दी और दावा किया कि डिप्रेशन, अंधापन समेत कई बीमार‍ियां इससे दूर की जा सकेंगी। लेकिन इससे भी एक कदम आगे, लंदन की एक मह‍िला चलती फ‍िरती रोबोट बन गई है। मह‍िला ने ट्रेन हादसे में एक हाथ और एक पैर खो दिया था, पर अब वह एक नई एआई बायोनिक भुजा यानी AI संचालित हाथ का इस्तेमाल कर रही है। ऑर्टीफ‍िश‍ियल इंटेलिजेंस से ही उसके हाथ को कमांड मिल रहा और वह अपने दिमाग को पढ़ सकती है। ऐसा दुनिया में पहली बार हो रहा है।

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उत्तरी लंदन की रहने वाली सारा डे लागार्डे पिछले सितंबर में काम से घर जा रही थी जब रेलवे स्टेशन पर अपना संतुलन खो बैठी और ट्रेन व प्लेटफॉर्म के बीच खाई में जा गिरीं। ट्रेन की चपेट में आने से उनका दाह‍िना हाथ और पैर दोनों कुचल गए। खींचकर उन्हें बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उनके हाथ और पैर काट दिए। बिना हाथ पैरों के रहना कितना मुश्कियल है, यह सब समझ सकते हैं। मगर सारा हार नहीं मानीं। उन्होंने विकल्प तलाशने शुरू किया। तभी वैज्ञाान‍िकों ने एक रास्ता सुझाया और कहा कि नई बायोनिक भुजा बना दी जाए तो वह पहले की तरह काम कर पाएंगी।

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सेंसर देंगे हाथ को आदेश
दो बच्चों की मां सारा ने बताया, यह सुनकर मुझे उम्मीद की किरण नजर आई। खुद को 80 प्रतिशत मानव और 20 प्रतिशत रोबोट बताने वाली सारा ने कहा, एक बायोनिक आर्म बनाई गई है जो ऑर्टीफ‍िश‍ियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करेगी। यह सीखती है कि मैं किस तरह की हरकतें सबसे ज्यादा करती हूं और यह बिल्कुल मेरे ओरिजनल हाथ की तरह जिंदगी को आसान बना देती है। इसका सॉकेट मेरी ऊपरी बांह से जुड़ा होगा। इसमें सेंसर होंगे जो मेरी मांसपेशियों की गत‍िविध‍ि का पता लगाएंगे। इससे सॉफ्टवेयर को बाह को हरकत करने का आदेश मिलेगा। मैं जो चाहूंगी इस बांह की मदद से कर पाउंगी। एक तरह से समक्षें कि मैं अपने दिमाग को पढ़ पाऊंगी।

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तकरीबन 2.6 करोड़ का खर्च
लागार्डे ने कहा, मैनें कुछ वक्त तक इस्तेमाल किया है। इसके वीडियोज भी देखे हैं। यह हाथ तीन अंगुलियों से अंडा पकड़ सकता है या टेबल से एक सिक्का उठा सकता है। लीड्स की कंपनी कोवी ने इसे तैयार किया है और फ‍िलहाल उसकी ट्रेनिंग चल रही है। उन्होंने बताया कि इस पर लगभग 2.5 लाख डॉलर यानी तकरीबन 2.6 करोड़ का खर्च आएगा। इसल‍िए लोगों से मदद ले रहे हैं। पैसे जुटाने के लिए उनकी बेटियों ने पदयात्रा तक की। उन्होंने कहा, उस घटना के बाद भी मैं जीवित हूं, यह सौभाग्य की बात है।

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