बिना एक भी गोली चलाए चीन ने ताइवान पर कब्जे का बनाया प्लान, तीसरा विश्वयुद्ध हो जाएगा फेल हुआ तो

वॉशिंगटन। ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच का तनाव तीसरा विश्वयुद्ध शुरू कर सकता है। विशेषज्ञ इससे जुड़ी चेतावनी दे रहे हैं। अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाता रहा है। वहीं चीन का कहना है कि वह ताइवान के मुद्दे पर किसी भी विदेशी ताकत से लड़ने को तैयार है। दोनों न्यूक्लियर पावर के बीच ताइवान वह मुद्दा है जो दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ा रहा है। ताइवान की राष्ट्रपति की अमेरिका यात्रा के बाद चीन ने हाल ही में युद्धाभ्यास किया।
विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659
ताइवान को चीन हमेशा से अपना हिस्सा बताता रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संकल्प लिया है कि जरूरत पड़ने पर वह बलपूर्वक भी इसे अपने देश के साथ मिला लेंगे। चीन की सेना अब ताइवान के करीब पहले से ज्यादा युद्धाभ्यास कर रही है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि 160 किमी के ताइवान जलडमरूमध्य को पार कर हमला करने की जगह चीन इसके चारों ओर नाकाबंदी की कोशिश करेगा। अमेरिका ने कहा है कि वह ताइवान की रक्षा करेगा। ऐसे में संभव है कि नाकाबंदी को तोड़ने के लिए उसे ही पहली गोली चलानी पड़े।
यह खबर भी पढ़ें: महिला टीचर को छात्रा से हुआ प्यार, जेंडर चेंज करवाकर रचाई शादी
ताइवान की नाकाबंदी करेगा चीन
इस तरह के कदम का परिणाम पूरी तरह युद्ध और आगे चलकर परमाणु युद्ध में बदल सकता है। रक्षा विशेषज्ञ और सिविटास थिंक टैंक में रक्षा और सुरक्षा इकाई के निदेशक रॉबर्ट क्लार्क के मुताबिक ताइवान के खिलाफ पीपुल्स लिबरेश आर्मी का प्लान समुद्री और हवाई नाकेबंदी है। उन्होंने कहा, 'ताइवान पर हमला करके युद्ध में कूदने से ज्यादा सुरक्षित विकल्प चीन के लिए नाकेबंदी होगा। इस तरह के नाकेबंदी की सफलता या विफलता चीन का अगला कदम यानी पूर्ण हमले का निर्धारण करेगी।' उन्होंने कहा कि, 'चारों ओर से ताइवान की नाकेबंदी करना न केवल अमेरिकी सैन्य गितिविधि को प्रबंधित करेगी, बल्कि इसके आर्थिक परिणाम भी होंगे।'
यह खबर भी पढ़ें: 'मेरे बॉयफ्रेंड ने बच्चे को जन्म दिया, उसे नहीं पता था वह प्रेग्नेंट है'
अमेरिका के पास क्या होगा रास्ता
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इससे चीन के सामने ताइवान बिना युद्ध आत्मसमर्पण भी कर सकता है। क्लार्क के मुताबिक जब-जब चीन ताइवान की नाकेबंदी करता है, तब-तब युद्ध की संभावना और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, 'चीन जब भी ऐसा कोई कदम उठाता है तो यह क्षेत्र में समुद्री व्यापार को तो प्रभावित कर ही सकता है, साथ-साथ अगर सैन्य रूप से गलत अनुमान लगे तो युद्ध भी हो सकता है।' हालांकि वह यह भी कहते हैं कि अमेरिका युद्ध में सीधे कूदने से पहले नाकाबंदी तोड़ने के लिए चीन पर भारी प्रतिबंध भी लगा सकता है।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप