पाकिस्तान फिर डूबेगा अंधेरे में? शहबाज सरकार कर्ज के लिए डाल रही लोगों पर बोझ

 
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पाकिस्तान की जनता रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए जूझ रही है। लेकिन वहां की सरकार लोगों को हर रोज नया झटका दे रही है। अब पाकिस्तानी सरकार ने एक बार फिर से बिजली की दरें बढ़ा दी हैं और किसनों को मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर दिया है।

 

नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से मदद हासिल करने के लिए उसकी हर शर्त मानने को तैयार नजर आ रहा है। पाकिस्तानी सरकार ने एक बार फिर से बिजली महंगी कर दी है। पाकिस्तानी सरकार की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने औसत बिजली टैरिफ में 3।39 रुपये प्रति यूनिट का स्पेशल फाइनेंसियल सरचार्ज लगाने की मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान जल्द से जल्द IMF से 170 अरब रुपये की आर्थिक मदद हासिल करने की कोशिश में है।

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कितनी बढ़ीं कीमतें
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट 'द डॉन' में छपी खबर के अनुसार, बिजली पर प्रति यूनिट 3।39 रुपये के स्पेशल एडिशनल सरचार्ज को लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा एक साल के लिए प्रति यूनिट 3।21 रुपये तक के लिए तिमाही टैरिफ एडजस्टमेंट और करीब 4 महीने के लिए 4 महीने तक के लंबित फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

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इसके अलावा, वित्त मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में ECC की बैठक में जीरो रेटेड उद्योगों के साथ-साथ एक मार्च से किसान पैकेज के लिए बिजली शुल्क सब्सिडी को बंद करने की भी मंजूरी दी गई। पाकिस्तान की सरकार ने IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए ये कदम उठाए हैं।

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पिछले महीने भी महंगी हुई थी बिजली
पाकिस्तान की जनता पहले से ही भीषण महंगाई से परेशान है। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ने से उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। आटे से लेकर प्याज जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए पाकिस्तानी लोगों को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। खाने-पीने की चीजों के लिए कई गुना अधिक पैसा चुकाने वाली जनता पहले से ही महंगी बिजली बिल चुकाकर कंगाल हो रही है। इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कराची शहर में बिजली की दरों में 3।30 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी।

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अंधेरे में डूब गए थे 30 शहर
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में फिलहाल कंज्यूमर्स को 43 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। इसमें ताजा बढ़ोतरी के प्रस्ताव को जोड़ दें, तो कीमतें 46 रुपये प्रति यूनिट के पार चली जाएंगी। एक तरफ पाकिस्तान की जनता को जहां, आटा और दवाइयों के लिए कई गुना अधिक कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। उसपर बिजली की बढ़ी हुई कीमतें दोहरी मार डालेंगी। पिछले महीने बिजली संकट के चलते पाकिस्तान के करीब 30 शहर अंधरे में डूब गए थे। नकदी के संकट से जूझ रहा पाकिस्तान लगातार विश्व बैंक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और कई देशों के सामने आर्थिक मदद के लिए हाथ फैला रहा है।

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भारत के मुकाबले कई गुना महंगी बिजली
भारत की तुलना में करीब चार गुना अधिक कीमत बिजली के लिए पाकिस्तान की जनता को चुकानी पड़ रही है। भारत में रेसिडेंशियल बिजली बिल की औसत दर से 9 रुपये प्रति यूनिट है। वहीं, कमर्शियल इस्तेमाल के लिए बिजली की दर औसतन 10 से 20 प्रति यूनिट है। एक तरफ पाकिस्तान की जनता के लिए हर सुबह नई चुनौती लेकर आ रही है। दूसरी तरफ उसकी अपनी सरकार झटके पर झटके दिए जा रही है।

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