भारत सऊदी में जिस बैठक में पहुंचा, उसे लेकर रूस क्यों भड़का?

रूस-यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए सऊदी अरब और यूक्रेन ने भारत, चीन, अमेरिका समेत 40 देशों के साथ बैठक बुलाई थी। रूस को इस बैठक में नहीं बुलाया गया था। रूस ने इस बैठक की निंदा की है। रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रायबकोव ने कहा कि जेद्दा में संपन्न हुई बैठक में शामिल अपने ब्रिक्स भागीदारों के साथ रूस इस मसले पर चर्चा करेगा। यानी रूस ब्रिक्स के सदस्य देश भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन से इस बैठक के बारे में अपडेट लेगा।
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए सऊदी अरब में 40 से अधिक देशों के बीच संपन्न हुई बैठक में नहीं बुलाने की रूस ने निंदा की है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस बैठक का कोई महत्व नहीं रह जाता है क्योंकि इस बैठक में रूस को नहीं बुलाया गया, जबकि इसके विपरीत यूक्रेन को बुलाया गया था।
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18 महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को कैसे खत्म किया जाए और इसके प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति दर्ज कराने के लिए सऊदी अरब और यूक्रेन ने भारत, चीन, अमेरिका समेत 40 से अधिक देशों के साथ बैठक बुलाई थी। रूस को इस बैठक में नहीं बुलाया गया था।
रूसी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि रूस की भागीदारी और हितों को ध्यान में रखे बिना संपन्न हुई यह बैठक निरर्थक थी। इसके अलावा रूस ने जोर देते हुए इस बात को फिर से दोहराया है कि रूस अपनी शर्तों पर राजनयिक समाधान निकालने और गंभीर प्रस्तावों पर बातचीत के लिए तैयार है।
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भारत की ओर से अजित डोभाल ने लिया हिस्सा
सऊदी अरब के पोर्ट सिटी जेद्दा में बुलाई गई इस बैठक में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान डोभाल ने कहा कि संघर्ष की शुरुआत के बाद से ही भारत नियमित रूप से रूप से दोनों देशों के साथ उच्चतम स्तर की बातचीत की है।
अजित डोभाल ने कहा, "पूरी दुनिया खासकर ग्लोबल साउथ इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है, भारत का दृष्टिकोण हमेशा संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने का रहा है और आगे भी रहेगा। शांति के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता यही है।"
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने यह भी कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक अर्थव्यवस्था का समर्थन करता है। बिना किसी अपवाद के सभी देशों की ओर से संप्रुभता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए शांति की सभी कोशिशों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।"
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ब्रिक्स में शामिल देशों से अपडेट लेगा रूस
रूसी न्यूज एजेंसी Tass के अनुसार, रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रायबकोव ने कहा कि जेद्दा में संपन्न हुई बैठक में शामिल अपने ब्रिक्स भागीदारों के साथ रूस इस मसले पर चर्चा करेगा। रायबकोव ने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों की यह कोशिश है कि ग्लोबल साउथ को संगठित कर जेलेंस्की के शांति फॉर्मूले पर समर्थन हासिल कर लेंगे लेकिन यह सफल नहीं होने वाला है। रूस की भागीदारी के बिना जेद्दा में आयोजित बैठक का कोई मतलब नहीं है।
आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ। ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं। वहीं, ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं। इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया के देश हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक बयान में कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के शांति सूत्र को बढ़ावा देकर यूक्रेन और पश्चिमी देश अन्य देशों की ओर से उठाए जा रहे शांति समझौते के प्रयासों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
किन-किन देशों को बुलाया गया
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, सऊदी अरब और यूक्रेन की ओर से बुलाई गई इस बैठक में अर्जेंटीना, ब्राजील, ब्रिटेन, जर्मनी, मिस्र, भारत, कतर, चीन, अमेरिका, तुर्की, यूक्रेन, फ्रांस, चिली और संयुक्त अरब आमीरात समेत 40 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार औ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
The only basic "foundation for negotiations" is President #Zelenskyy's #PeaceFormula. There can be no compromise positions such as "immediate ceasefires" and "negotiations here and now" that give #Russia time to stay in the occupied territories. Only the withdrawal of Russian…
— Михайло Подоляк (@Podolyak_M) August 7, 2023
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यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी मांगों को खारिज किया
यूक्रेनी राष्ट्रपित वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने रूस की शर्तों को खारिज कर दिया है। पोडोल्याक ने ट्वीट कर कहा कि रूसी सेना को यूक्रेनी क्षेत्रों (कब्जे) से पूरी तरह से हटना होगा। यूक्रेन इस पर किसी तरह से समझौता नहीं करेगा।
इसी बीच, यूक्रेनी सिक्यूरेटी सर्विस ने सोमवार को जानकारी दी है कि उसने एक कथित रूसी मुखबिर को हिरासत में लिया है, जिसने पिछले महीने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की दक्षिणी मायकोलाइव की यात्रा के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा की थी।
यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी मुखबिर जेलेंस्की की मायकोलाइव यात्रा के दौरान हवाई हमले के लिए डेटा एकत्र कर रही थी। यूक्रेन सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब उसने (मुखबिर) रूसी अधिकारियों को खुफिया जानकारी देने की कोशिश की तो उसे हिरासत में ले लिया गया।
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