रूस को जी-20 मंत्रियों की मेजबानी पर क्या परेशानी? कहा- पश्चिमी देश लेना चाहते हैं बदला

नई दिल्ली में जी 20 विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री लावरोव भी आ रहे हैं। इससे पहले बाली में बैठक के दौरान लावरोव बाहर चले गए थे।
नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बुधवार को भारत आने वाले हैं। नई दिल्ली में जी20 की बैठक होनी है। इस बैठक में शामिल होने रूस के विदेश मंत्री सरजेई लावरोव भी आ रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बीच भारत आर्थिक महाशक्तियों को एक जगह एकत्र करने की कोशिश कर रहा है। देखना यह है कि ब्लिंकन और लावरोव के बीच बातचीत होती है या नहीं। इससे पहले बाली में जी20 की बैठक के दौरान रूस के विदेश मंत्री वहां से चले गए थे।
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फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इससे एक महीने पहले ही दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। इसके बाद से उनके बीच फोन पर बातचीत हुई है लेकिन इसमें यूक्रेन संकट शामिल नहीं था। दोनों नेताओं ने अन्य मामलों पर चर्चा की है। रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है मंगलवार देर रात लावरोव भारत पहुंच चुके हैं। उन्होंने इस युद्ध की निंदा नहीं की है। बयान में कहा गया कि पश्चिमी देश रूस से बदला लेना चाहते हैं। इसमें कहा गया कि अमेरिका की विनाशक नीतियों ने पहले ही तबाही ला दी है। इसक वजह से सामाजिक विकास के कार्य पीछे हो गए हैं और गरीब देशों के हालात बहुत बिगड़ गए हैं।
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जासूसी गुब्बारा
दो दिन की जी20 बैठक के अलावा ब्लिंकन और उनके चीनी समकक्ष किन गैंग के बीच भी बातचीत हो सकती है। पिछले महीने ब्लिंकन ने इस मामले में चीन को जमकर सुनाया था। अमेरिका ने पूर्वी तट पर 4 फरवरी को चीनी गुब्बारे को मार गिराया था। इसके बाद ब्लिंकन ने चीन का दौरा रद्द कर दिया था। वहीं बीजिंग भी ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका पर नाराज ही रहता है। चीन ने दावा किया था कि यह गुब्बारे मौसम का पता लगाने वाला था।
ब्लिंकन ने चीन को चेतावनी दी थी कि वह यूक्रेन के खिलाफ रूस की मदद ना करे और हथियारों की सप्लाई ना करे। हालांकि चीन ने ऐसी हर बात से इनकार किया था। ब्लिंकन क्वाड ग्रुप के सदस्यों जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके जरिए ब्लिंकन चीन को कड़ा संदेश देने से नहीं चूकेंगे।
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बता दें कि जी20 में 19 देश और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं जो कि दुनिया की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा दुनिया की दो तिहाई आबादी इन देशों में रहती है। इस साल भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसमें गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण, वित्त और यूक्रेन जैसे विषय अजेंडे में शामिल हैं। पिछले महीने बेंगलुरु में जी20 वित्त मंत्रियों की बैठक के दौरान यूक्रेन के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी थी। वहीं जी20 की अध्यक्षता की वजह से भारत की भूमिका बढ़ गई है। भारत ने भी रूस के हमले की निंदा नहीं की है लेकिन पीएम मोदी ने पुतिन से इतना जरूर कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है।
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