स्क्रीन पर अमेरिकी सांसदों ने देखा ताइवान युद्ध, कहा- जब छिड़ेगा तो भयंकर होंगे दुष्परिणाम

अमेरिकी सांसदों ने स्क्रीन पर ताइवान युद्ध देखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब यह युद्ध छिड़ेगा तो इसके दुष्परिणाम भयंकर होंगे। सांसदों का कहना है कि युद्ध की आशंका को खत्म करने के लिए उपाय किए जाएं।
वाशिंगटन, एपी। ताइवान पर चीन के हमले का खाका खींचते हुए अमेरिका की जवाबी सैन्य कार्रवाई पर विचार कर अमेरिकी सांसदों ने इसे भयावह बताया है। उनका कहना है कि भविष्य की इस आशंका को खत्म करने के लिए समुचित प्रयास किए जाने चाहिए। चीन पर अमेरिकी सांसदों की समिति ने स्क्रीन पर भविष्य के इस वार गेम को देखते हुए कहा कि इसमें ऊंची हैसियत वाले देश (अमेरिका और चीन) शामिल होंगे और इसके गंभीर परिणाम भी होंगे।
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अमेरिकी प्रशासन ने तैयार किया पूरा आकलन
भविष्य में छिड़ने वाले इस युद्ध की आशंका पर अमेरिकी प्रशासन ने पूरा आकलन तैयार किया है। इस आकलन में सकारात्मक और नकारात्मक, हर तरह के बिंदुओं को शामिल किया गया है। इस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका के कूटनीति, आर्थिक और सैन्य विकल्पों पर विचार किया गया है। युद्ध की स्थिति में भी अमेरिका के संभावित कदमों की जानकारी दी गई है।
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ताइवान पर अपना अधिकार जता रहा चीन
चीन स्वशासित ताइवान पर लंबे समय से अपना अधिकार जता रहा है। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी सैन्य ताकत से ताइवान पर कब्जा करने का प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। हाल के वर्षों में चीन ने इस बाबत अपनी मंशा जाहिर करने में कोई हिचक भी नहीं दिखाई है। हाल ही में ताइवान को घेरकर चीन द्वारा किया गया बड़ा सैन्य अभ्यास उसकी मंशा की स्पष्ट तौर पर पुष्टि करता है।
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अमेरिका ने ताइवान को दिया समर्थन
चीन की बढ़ती ताकत और दूर जाकर अमेरिका की युद्ध लड़ने की क्षमता का भी अमेरिकी प्रशासन आकलन कर रहा है। इन्हीं सारे बिंदुओं पर वार गेम रिपोर्ट तैयार कर सांसदों के समक्ष पेश की गई है। यह समिति चीन को लेकर अमेरिकी नीति के बारे में सलाह देगी। अमेरिका वन चाइना नीति का समर्थन करता है, लेकिन ताइवान के लोकतांत्रिक स्वरूप को भी अपना समर्थन देता है। अमेरिका की मंशा ताइवान की यथास्थिति बनाए रखने की है।
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