इस मुस्लिम देश में हालात पाकिस्तान से भी हुए खराब, नागरिकता बेचे जाने की नौबत, जानें सीसी का 'नायाब' फॉर्मूला

Egypt Economy Crisis: मिस्र (Egypt) इस समय वह अरब देश है जो भयानक आर्थिक संकट (Egypt Economy crisis) में घिरा हुआ है। विदेशी मुद्रा संकट के चलते इस देश की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। अब जो जानकारी आ रही है उस पर अगर यकीन करें तो हालात इतने बिगड़ गए हैं कि देश को नागरिकता तक बेचनी पड़ रही हैं।
काहिरा। बुरी तरह से आर्थिक संकट में घिरे मिस्र ने इससे बाहर निकलने का एक नायाब तरीका तलाशा है। मिस्र ने तय किया है कि ऐसे निवेशक जो देश में कम से कम 25 लाख डॉलर तक का निवेश करेंगे उन्हें यहां की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता बेचकर मिस्र ने खुद को संकट से बाहर निकालने का उपाय तलाशा है जिस पर काफी बहस भी हो रही है। देश में विदेशी मुद्रा का अकाल है और इस वजह से अर्थव्यवस्था एक बड़े संकट में घिर चुकी है। जनवरी में देश में महंगाई दर 26.5 फीसदी पर पहुंच चुकी थी। आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा होने के आसार हैं। मगर उसका यह नागरिकता बेचने वाला फॉर्मूला कितना कारगर साबित होगा, इस बारे में सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं।
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क्या है सारा प्लान
मिस्र के अखबार अल अहराम के हवाले से न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया है कि आधिकारिक गजट जारी कर इस नए फरमान से जुड़ी अधिसूचना के बारे में लोगों को बताया गया है। गजट के मुताबिक प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली निवेशकों के सामने मिस्र की नागरिकता की पेशकश करेंगे, अगर वो नियमों पर खरे उतरते हैं। अगर कोई विदेशी नागरिक चाहे तो रीयल एस्टेट में तीन लाख डॉलर के निवेश के साथ इसे देश की नागरिकता को खरीद सकता है। अगर वह ऐसा नहीं करता तो फिर मिस्र के किसी भी बैंक अकाउंट में पांच लाख डॉलर जमा कराने होंगे।
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सरकार ने रखीं शर्तें
जो दो और शर्तें रखी गई हैं, उसके मुताबिक देश के एक प्रोजेक्ट में कम से कम 3,50,000 डॉलर का निवेश करना या फिर देश के सरकारी खजाने में विदेशी मुद्रा के तौर पर प्रत्यक्ष राजस्व में के तहत 2,50,000 डॉलर जमा कराने होंगे। मिस्र भयानक नगदी संकट से गुजर रहा है। कई वजहों से देश वित्तीय संकट में घिरा है। मिस्र की अर्थव्यवस्था पिछले कई सालों से संघर्ष कर रही है। देश में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। जनवरी में इसने 26.- फीसदी का आंकड़ा छूआ था जोकि पांच सालों में सबसे ज्यादा था। इसमें अभी और इजाफा होने की आशंका है।
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महंगाई ने पैदा की मुसीबतें
माना जा रहा है कि फरवरी में यह आंकड़ा 26.7 फीसदी तक पहुंच सकता है। गुरुवार को सरकार ने गैस की कीमतों में इजाफा कर दिया है। इसके बाद देशभर में स्थिति के और जटिल होने की आशंकाएं हैं। हालांकि डीजल की कीमतों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। शहरी इलाकों में खाद्य पदार्थों की कीमतों के 48 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। राजधानी काहिरा में खाद्य पदार्थों जैसे चावल, कुकिंग ऑयल, ब्रेड और अंडे की कीमतों में दोगुना इजाफा हुआ है। कुछ लोगों के सामने तो स्थिति इतनी मुश्किल है कि उन्होंने इन चीजों को न खरीदने का मन बना लिया है।
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भ्रष्टाचार ने बिगाड़ी स्थिति
अर्थव्यवस्था के जानकारों की मानें तो सरकार में मौजूद भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से आज देश की यह हालत हुई है। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी की सरकार साल 2014 से ही मेगा प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ा रही है। इसमें स्वेज नहर का विस्तार भी शामिल है। इसके अलावा काहिरा के करीब 50 अरब डॉलर की लागत से नई प्रशासनिक राजधानी को बनाया जा रहा है जो एक पूरा शहर है। कहा जा रहा है कि इन प्रोजेक्ट्स को मिलिट्री की देखरेख में पूरा किया जा रहा है। अब इनकी वजह से मिलिट्री पर लोग सवाल उठाने लगे हैं। उनका कहना है कि जब देश पर इतना बड़ा संकट है तो फिर इसकी क्या जरूरत है। देश की 104 मिलियन आबादी गरीबी रेखा में जीने को मजबूर है।
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