पृथ्वी से बीस गुना बड़ा छेद हुआ सूर्य में, निगल चुका है अंतरिक्ष के कई तारे, अब बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है धरती को!

स्पेस में ऐसी कई गतिविधियां होती रहती है, जो सीधे-सीधे धरती को प्रभावित करती हैं। अब ताजा खबर ये है कि सूर्य में एक ऐसा छेद हो गया है, जो पृथ्वी से बीस गुना बड़ा है। ये छेद आने वाले समय में धरती को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
नई दिल्ली। स्पेस में कई तारे और ग्रह मौजूद हैं। हर एक सेकंड स्पेस में कोई ना कोई गतिविधि होती ही रहती है। इसमें से कुछ तो नोटिस में भी नहीं आ पाती। लेकिन ऐसी कुछ घटनाएं हो जाती हैं, जो सीधे-सीधे धरती को प्रभावित करने में सक्षम होती हैं। ब्लैक होल से लेकर ओजोन लेयर डिप्लीशन ऐसे ही कुछ उदहारण हैं। इनके जरिये पृथ्वी को भी नुकसान होता है। हाल ही में एक्सपर्ट्स ने खुलासा किया है कि पृथ्वी से बीस गुना बड़ा छेद सूरज में हो गया है।
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सूरज में हुए इस बड़े से छेद की वजह से धरती को आने वाले हफ्ते में काफी नुकसान हो सकता है। इस छेद से 1।8 मिलियन mph की स्पीड से तूफ़ान जैसी हवाएं निकल रही है। ये हवाएं जल्द धरती को नुकसान पहुंचा सकती है। इस छेद को, जिसे कोरोनल होल कहा जा रहा है, धरती से बीस गुना बड़ा है। ये सूरज में हुआ अभी तक का दूसरा सबसे बड़ा छेद है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, अगले 24 घंटे में इसकी हवाएं पृथ्वी तक पहुंच सकती है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक़, इससे धरती के मैग्नेटिक फील्ड, सैटेलाइट्स और तकनीक पर असर पड़ेगा।
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हो सकता है पावर कट
अगर साइंटिस्ट्स की बात पर यकीन करें, तो अगले चौबीस घंटे में धरती के कई इलाकों में पावर कट हो सकता है। सूरज पर अभी तक दो छेद एक्सपर्ट्स में ढूंढे हैं। इसमें से एक पृथ्वी से तीस गुना बड़ा है। इसकी वजह से अमेरिका के एरिज़ोना में रात को आसमान में पर्पल और हरी रोशनी देखने को मिली थी। इसकी वजह से सोलर जी3 स्टॉर्म आया था। इससे कई स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन प्रभावित हुए थे।अब जो दूसरा छेद मिला है, वो पृथ्वी से बीस गुना ज्यादा बड़ा है।
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नासा ने ढूंढे दोनों छेद
ये दोनों ही छेद नासा के सोलर डाइनेमिक ओब्सर्वेटरी ने ढूंढे। इनका काम सूरज को स्टडी करना है। ये पोल्स के नजदीक हैं और यही से सूरज की ज्यादातर एक्टिविटी ट्रेस की जाती है। जिस जगह पर ये छेद मिले हैं, वहां का तापमान थोड़ा कम होता है। लेकिन दूसरा छेद सूरज के इक्वेटर में है। एक्सपर्ट्स ने इस हफ्ते के अंत तक छेद का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ने का अंदेशा जताया है। कुछ का कहना है कि सूरज की तेज हवाएं धरती तक आएंगी, जिससे धरती को नुकसान पहुंच सकता है।
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