'संजीवनी' मिल गई श्रीलंका और बांग्लादेश को, मुंह देखता रह गया कंगाल पाकिस्तान, IMF ने अब बताई वजह

IMF Conditions for Pakistan : संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कतर जैसे मुस्लिम दोस्तों ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने का वादा किया था। लेकिन कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी ये देश इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। पाकिस्तान आईएमएफ डील में देरी की यह सबसे प्रमुख वजह है।
इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को 6.5 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम को अनलॉक करने के लिए कुछ और शर्तों को पूरा करना होगा। डिफॉल्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान के पास इन शर्तों को मानने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईएमएफ पाकिस्तान सरकार पर उन देशों से आश्वासन हासिल करने का दबाव डाल रहा है जिन्होंने वित्तीय सहायता का वादा किया है। सऊदी अरब, यूएई और कतर ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने का वादा किया था जो अब पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं।
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पाकिस्तान इस समय इकलौता दक्षिण एशियाई देश है जिसे आईएमएफ की तरफ से अभी तक बेलआउट हासिल नहीं हुआ है। इस हफ्ते श्रीलंका को आईएमएफ की तरफ से आर्थिक मदद देने का ऐलान हो गया है। अमेरिकी कर्जदाता भारत के एक और पड़ोसी बांग्लादेश को भी वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज़ रुइज़ ने कहा, 'कुछ बचे हुए बिंदू पूरे होने के बाद एक स्टाफ-लेवल समझौता हो जाएगा।'
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आईएमएफ चाहता है वादे पूरे करें 'दोस्त'
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने पिछले हफ्ते कहा था कि आईएमएफ बेलआउट पैकेज पर साइन करने से पहले देशों को पाकिस्तान की मदद करने के लिए फंड बढ़ाने को लेकर अपने वादों को पूरे करते हुए देखना चाहता है। पाकिस्तान को जून तक करीब 3 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है, जबकि 4 अरब डॉलर के रोल ओवर होने की उम्मीद है। पाकिस्तान ने कई कड़े उदम उठाए हैं, जिसमें टैक्स और बिजली की कीमतों में भारी वृद्धि शामिल है।
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पेट्रोल की सब्सिडी से नाराज आईएमएफ
आईएमएफ के 6.5 बिलियन डॉलर लोन पैकेज को पुनर्जीवित करने के लिए पाकिस्तान अपनी मुद्रा को कमजोर कर रहा है। यह फंड विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहे देश को कुछ राहत प्रदान करेगा। आईएमएफ के लिए हमेशा से सबसे बड़ी समस्या पेट्रोल पर दी जाने वाली सब्सिडी रही है। पूर्व पाक पीएम इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से पेट्रोल पर सब्सिडी दिए जाने के बाद आईएमएफ ने कार्यक्रम को ठप कर दिया था। पाकिस्तान ऐसे समय पर आर्थिक मंदी से जूझ रहा है जब इस साल देश में चुनाव होने वाले हैं।
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