कहीं पानी के रास्ते, कहीं एयरलिफ्ट... मिशन Sudan से पहले 10 बड़े भारत के रेस्क्यू ऑपरेशन

नई दिल्ली। कुवैत एयरलिफ्ट: बात 1990 की है। खाड़ी युद्ध चल रहा था। ईराक ने कुवैत पर हमला कर दिया। तब दुनिया का सबसे बड़ा निकासी अभियान (Evacuation Exercise) भारत ने चलाया। 1.70 लाख भारतीयों को कुवैत से वापस लाया गया। इसके लिए एयर इंडिया के विमानों ने लगातार 2 महीने से ज्यादा समय तक 500 से ज्यादा उड़ानें भरीं। इस रेस्क्यू मिशन के लिए एयर इंडिया के नाम गिनीज वर्लड रिकॉर्ड है। यह सबसे बड़ा हवाई इवेक्यूएशन मिशन था।
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ऑपरेशन सुकून/बेरूत सीलिफ्ट
इजरायल और लेबनान के बीच साल 2006 में जंग छिड़ गई। भारतीय सरकार ने दोनों देशों में बसे अपने लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन सुकून उर्फ बेरूत सीलिफ्ट चलाया। यह सबसे बड़ा नौसैनिक रेस्क्यू मिशन था। भारतीय नौसेना ने 1764 भारतीय, 112 श्रीलंकाई, 64 नेपाली और भारतीय लोगों से शादी कर चुके 7 लेबनानी नागरिकों को रेस्क्यू किया था। कुल मिलाकर 2280 लोगों को सुरक्षित उनके देश पहुंचाया गया।
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ऑपरेशन सेफ होमकमिंग
साल 2011 में लीबिया में चल रहे गृहयुद्ध से बचकर भाग रहे भारतीयों को बचाने के लिए भारतीय सरकार ने यह मिशन चलाया। इसमें भारतीय नौसेना और एयर इंडिया ने मिलकर भाग लिया। समुद्री और हवाई मार्ग से 15,400 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। उन्हें सुरक्षित घर वापस लाया गया।
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ऑपरेशन राहत
साल 2015 की बात है। यमन में सरकार और हउती विद्रोहियों के बीच जंग छिड़ गई। वहां हजारों भारतीय फंस गए। सउदी अरब ने नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया। भारतीय वायुसेना यमन तक हवा से पहुंच नहीं पा रही थी। तब समुद्री रास्ते से लोगों को बचाने का मिशन शुरू किया गया। एडेन के बंदरगाह से लोगों को रेस्क्यू किया गया। बाद में वायुसेना और एयर इंडिया भी शामिल हुई। 4640 भारतीयों को बचाया गया। इसके अलावा 41 अन्य देशों के 960 नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला गया।
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ऑपरेशन मैत्री
नेपाल में भूकंप आने के बाद वहां पर लोगों को बचाने और वहां से भारतीयों को निकालने के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया था। इसमें सरकार और भारतीय मिलिट्री भी शामिल थी। नेपाल में भारत ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू और रिलीफ ऑपरेशन चलाया था। ऐसा करने वाला भारत पहला देश था। भूकंप आने के 15 मिनट बाद ही ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। 5188 लोगों को सुरक्षित निकालाय गया। 170 विदेशी नागरिकों बचाया गया। इसके अलावा 785 विदेशियों को ट्रांजिट वीजा दिया गया।
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ब्रसेल्स से निकासी
साल 2016 में बेल्जियम में तीन आत्मघाती बम विस्फोट हुए। 32 नागरिक मारे गए। जब जेट एयरवेज ने युद्ध में फंसे देश से लोगों को निकालने की मुहिम शुरू की। जेट एयरवेज ने एम्सटर्डम तक लोगों को बुलवाया फिर वहां से भारत लेकर आए। चार उड़ानों में 800 लोगों को लाया गया।
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ऑपरेशन समुद्र सेतु
साल 2020 की बात है। कोविड-19 फैल चुका था। पूरी दुनिया तबाह हुई पड़ी थी। भारत सरकार और भारतीय नौसेना ने 3992 भारतीयों को उनके घर पहुंचाया। इसमें नौसेना के आईएनएस जलाश्व लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक, आईएनएस ऐरावत, शार्दूल और मगर युद्धपोत और लैंडिंग शिप टैंक्स शामिल थे।
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वंदे भारत मिशन
2021 में भारत कोविड की वजह से अलग-अलग देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की मुहिम छेड़ी। लंबे ऑपरेशन में 60 लाख लोगों को वापस लाया गया। 18,79,968 लोग एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस विमानों से आए। 36,92,216 चार्ट्ड प्लेन्स के जरिए लौटाए गए। इसके अलावा 3987 लोग नौसैनिक जहाजों से लौटे। जबकि, 5 लाख से ज्यादा लोग जमीनी बॉर्डर पार करके वापस लाए गए।
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ऑपरेशन देवी शक्ति
साल 2021 में भारतीय वायुसेना ने काबुल एयरपोर्ट से भारतीयों को निकाला। हजारों लोग अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार और उनकी ज्यादतियों से परेशान थे। तब भारतीय सेना ने 669 लोगों को बचाया। इसमें 448 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। उन्हें युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान से निकाला गया।
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ऑपरेशन गंगा
साल 2022। रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र और नागरिक फंसे थे। तब भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरूआत की। 80 उड़ानों के जरिए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों से 17 हजार भारतीयों को निकाला गया।
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