'सैन्य विद्रोह' का खतरा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को? जोरदार झटका मिला बखमुत में

न्यूजवीक ने बताया कि निजी सैन्य इकाई के नेता येवगेनी प्रिगोज़िन ने बखमुत क्षेत्र से अपने सैनिकों को वापस लेने की धमकी दी है और सार्वजनिक रूप से रूसी रक्षा मंत्रालय की आलोचना भी की है।
नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सैन्य विद्रोह का खतरा सताने लगा है। यह खतरा वैगनर समूह से है। पूर्व रूसी कमांडर इगोर गिरकिन ने चेतावनी दी है कि रूसी राष्ट्रपति को निजी सैन्य संगठन से इस तरह के सैन्य विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है। न्यूजवीक ने बताया कि निजी सैन्य इकाई के नेता येवगेनी प्रिगोज़िन ने बखमुत क्षेत्र से अपने सैनिकों को वापस लेने की धमकी दी है और सार्वजनिक रूप से रूसी रक्षा मंत्रालय की आलोचना भी की है।
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इगोर गिरकिन ने कहा, "आलाकमान की सहमति के बिना युद्ध के मोर्चे से सैनिकों को वापस लेने का आह्वान एक सैन्य विद्रोह ही है और कुछ नहीं।" गिरकिन ने आगे कहा कि येवगेनी प्रिगोज़िन ने "खुले तौर पर" रूस के सैन्य नेतृत्व को ब्लैकमेल किया है क्योंकि वह जानता है कि अपने सैनिकों को वापस लेने पर रूस के लिए "विनाशकारी और घातक परिणाम" हो सकते हैं।
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इससे पहले रॉयटर्स ने बताया था कि येवगेनी प्रिगोजिन ने इस बात को कबूल किया है कि उनकी सेना को भारी पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि व्लादिमीर पुतिन उसके समूह का समर्थन नहीं कर रहे हैं। इगोर गिरकिन ने कहा कि प्रिगोजिन ने "रूसी कमान और रूसी सेना दोनों के बारे में बहुत बुरी तरह से बात कही थीं।
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इसबीच, एक यूक्रेनी सैन्य प्रवक्ता ने कहा है कि बखमुत पर अब कीव का नियंत्रण है। हालांकि स्थिति "वास्तव में कठिन" बनी हुई है। यूक्रेनी सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि रूसी सैनिक अभी भी बखमुत की सड़कों पर फायरिंग कर रहे हैं और हालात को कठिन बनाए हुए हैं लेकिन धीरे-धीरे अब उस पर हमारा नियंत्रण हो रहा है।
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