रूस: सबसे बड़ा ज्वालामुखी फटा, आसमान धधक रहा; राख से विमान उड़ाना हुआ मुश्किल- देखें VIDEO

कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट रिस्पॉन्स टीम (KVERT) ने विमान परिचालन के मद्देनजर रेड कोड का अलर्ट जारी किया है।ज्वालामुखी वेधशाला ने एविएशन नोटिस जारी करते हुए कहा है कि "राख बादल" पश्चिम की ओर बढ़ रहा।
नई दिल्ली। पूर्वी रूस के कामचटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वालामुखी के फटने से आसमान में आग की लपटें धधक रही हैं। पूरी आसमान लाल दिख रहा है। इसके साथ ही 10 किलोमीटर की ऊँचाई तक राख का ढेर फैल गया है। आसमान में राख की वजह से हवाई यातायात के लिए खतरा पैदा हो गया है। इससे रूस में विमान सेवा ठप पड़ सकती है।
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कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट रिस्पॉन्स टीम (KVERT) ने विमान परिचालन के मद्देनजर रेड कोड का अलर्ट जारी किया है। ज्वालामुखी वेधशाला ने एविएशन नोटिस जारी करते हुए कहा है कि "बड़ा राख बादल" ज्वालामुखी विस्फोट स्थल से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि KVERT ने कहा है कि 15 किलोमीटर की ऊंचाई में आसमान में राख का विस्फोट कभी भी हो सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय विमानों के परिचालन पर बुरा असर पड़ सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उस्त-कामचत्स्की नगरपालिका क्षेत्र के प्रमुख ओलेग बोंडारेंको ने ज्वालामुखी विस्फोट के आसपास के इलाकों के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है और स्थानीय लोगों से घरों के अंदर ही रहने को कहा गया है।
🇷🇺🌋🔥 - Strong eruption at #Shiveluch #Volcano on #Kamchatka Peninsula, #Russia.
— The informant🗞📰 (@theinformantofc) April 10, 2023
The eruptive column rose to 16 km above the summit and dispersed over 100 km to the W/NW. Ashfall is reported from nearby locations.
📹: Dmitry Levin pic.twitter.com/lLmJK0zslM
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अधिकारी ने कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद राख के बादल क्लाईची और कोज़ीरेवस्क में फैल गए हैं। रॉयटर्स ने बताया कि ये दोनों गांव विस्फोट स्थल से 70 किलोमीटर से अधिक दूर हैं। शिवलुच रूस के सबसे बड़े और सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, जिसमें पिछले 10,000 वर्षों में अनुमानित 60 विस्फोट हुए हैं। आखिरी बड़ा विस्फोट 2007 में हुआ था।
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